चमार को काबू कैसे करें | Chamar Ko Kabu Kaise Kare

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Chamar Ko Kabu Kaise Kare – हमारे देश में जाति प्रथा कई सालों से चली आ रही है जिसमें व्यक्तियों को अलग-अलग जाति में विभाजित किया गया है। भारत में चमार एक अनुसूचित जनजाति में आने वाला समूह है। मगर देश की बहुत बड़ी जनसंख्या को चमार के इतिहास के बारे में मालूम नहीं है इस वजह से वह चमार को काबू कैसे करें जैसे प्रश्न गूगल से पूछते हैं।

chamar ko kabu kaise kare

अगर आप भी गूगल चमार को काबू कैसे करें के बारे में जानना चाहते हैं तो आपको आज के लेख में हम चमार को काबू करने के तरीके के साथ-साथ चमार के इतिहास और इनकी उत्पत्ति के बारे में भी जानकारी देने जा रहे है। इस वजह से अगर आप चमार के इतिहास के बारे में समझना चाहता है और चमार को काबू कैसे करे (Chamar Ko Kabu Kaise Kare) के बारे में जानना चाहते हैं तो हमारे लेख के साथ अंत तक जुड़े रहे। 

चमार को काबू कैसे करें | Chamar Ko Kabu Kaise Kare

आज चमार की जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है। इस वजह से अन्य जाने जाति के लोग चमार को काबू करने के बारे में विचार कर रहे है। अगर आप भी अपने इलाके में बढ़ रही चमार की जनसंख्या को काबू करना चाहते है, तो बता दें कि चमार को काबू करने के लिए आपको उनके साथ घुलना मिलना होगा।

चमार की अधिकांश जनसंख्या आज भी गरीबी रेखा के नीचे निवास करती है। यही कारण है कि अनुसूचित जनजाति समूह से ताल्लुक रखने वाले इस जाति को सरकार विभिन्न प्रकार का आरक्षण देती है। उन्हें आरक्षण से बाहर निकालने समाज में बराबरी का अधिकार देने के लिए आपको उनकी परेशानियों को समझना होगा और उसका समाधान करना होगा। जब आप उनकी परेशानियों को समझ कर उसका समाधान करेंगे तब चमार जाति भी बाकी जाति के साथ घुल मिल जाएगी और इन से किसी को कोई तकलीफ नहीं होगा।

मगर अन्य जातियों को चमार जाति से इस वजह से तकलीफ होती है क्योंकि वह साफ सुथरे नहीं रहते है। अधिकांश चमार गरीब होते हैं इस वजह से उनका जीवन बहुत ही तकलीफों से गुजरता है और यही कारण है कि वह अन्य जातियों की तरह विभिन्न समृद्धि यों के साथ नहीं रहते हैं और उनके साथ छुआछूत का भाव किया जाता है। 

चमार का इतिहास | History of Chamar

हमारे देश के अधिकांश लोगों को चमार के इतिहास के बारे में मालूम नहीं है। चमार भारतीय इतिहास में बहुत अहमियत रखते है। अगर आप अंग्रेजों से पहले चमार के इतिहास के बारे में देखेंगे तो आप पाएंगे कि 1700 से पहले चमार शब्द का इस्तेमाल भारत में होता ही नहीं था।

चमार का तात्पर्य चमड़े का काम करने वाले से होता है। भारत एक अहिंसा वादी देश था और यह चमड़े से बनी वस्तु को नहीं पहना जाता था। किसी भी मारे जीव जंतु के शरीर से चमड़ा निकालकर उसका इस्तेमाल रोजमर्रा के जीवन में करने की प्रक्रिया मुसलमानों के द्वारा शुरू की गई थी। यह प्रक्रिया भारत में सालों बाद लोदी वंश के बाद आई थी। वर्तमान समय में चमड़ी का कार्य मोची के द्वारा किया जाता है इस वजह से अधिकांश चमार मोची या इस तरह का कोई छोटा-मोटा कार्य करते हैं।

मगर जब भारत में चमड़ा से जुड़ा कोई कार्य होता ही नहीं था तब चमार जाति अस्तित्व में ही नहीं थी। असल में चमार जाति चवर वंश से ताल्लुक रखती है। राजा चौहान का वंश दिल्ली के आसपास के इलाकों में बसा हुआ था जिनका राणा सांगा के साथ अच्छा रिश्ता था। राणा सांगा राजपूतों के महान योद्धा राजा थे और उनके साथ अच्छा संबंध रखने के कारण राजा चवर को भी राजपूत मारा गया है।  

इस वजह से हम ऐसा कह सकते हैं कि चमार जाति जिस राजा चवर के वंश से शुरू हुई थी वह एक राजपूत वंश था। सोलहवीं सदी के आसपास सिकंदर लोदी भारत आता है, इसी सिकंदर लोदी का वंश इब्राहिम लोदी तक गया था। उस वक्त दिल्ली के इलाके में राजा चवर का दबदबा था। राजा चवर को हराने के लिए लोदियों ने बहुत सारे हिंदुओं को पकड़ लिया और उन्हें जानवरों के शरीर से चमड़ा निकालकर उस चमड़े से विभिन्न सामग्री बनाने का कार्य दिया। जो राजपूत या हिंदू इस कार्य को करने से मना करता था उसे मार दिया जाता था।

इस तरह बहुत सारे हिंदुओं को लोदीयों के द्वारा जबरदस्ती अगवाह करके चमड़े का काम करने की प्रक्रिया सिखाई गई। हालांकि जब राजा चावर की मृत्यु हो गई तो उनके बाद उनके वंशज को कोई आगे नहीं चला सका और पूरे इलाके में लोदियों के द्वारा लूटपाट की गई। इसके बाद जिन लोगों ने चमड़े का काम करना सीखा था उन्होंने उसी से अपनी जीविका को आगे चलाना शुरू किया। अन्य हिंदुओं के द्वारा इस काम को अशुभ माना जाता था इस वजह से इन्हें जात से छट दिया गया और चमार नाम की एक अलग जाति उत्पन्न हुई।

गूगल चमार को काबू कैसे करें

गरीबी अज्ञानता लाती है और अज्ञानता जनसंख्या बढ़ा देती है। यही कारण है कि गरीब व्यक्ति के बहुत सारे बच्चे होते हैं और वह अपने घर को अच्छे से चला नहीं पाते है। कुछ ऐसा ही चमार वंश के साथ भी हुआ, जितनी तेजी से गरीबी बड़ी उतनी ही तेजी से उनकी जनसंख्या भी बढ़ने लगी।

आज बहुत सारे इलाकों में चमार की जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है इस वजह से इस जाति को काबू करने के लिए लोग विभिन्न प्रकार के तरीके आजमाते है। पुराने जमाने में चमार जाति को काबू (Chamar Ko Kabu Kaise Kare) करने के लिए उन पर अत्याचार भी किया जाता था मगर आपको बता दें कि वर्तमान समय में किसी भी अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति वर्ग से आने वाले जातियों पर अत्याचार करने पर सरकार आपको दंड दे सकती है। 

इस वजह से चमार को काबू करने के नाम पर अगर आप उनसे किसी भी प्रकार का अभद्र व्यवहार करते हैं तो आप पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। हालांकि चमार के इतिहास को समझने के बाद हम उम्मीद करते हैं कि आप चमार जाति को काबू करने या उन्हें परेशान करने के बारे में नहीं सोचेंगे।

चमार को काबू करने का तरीका

किसी भी जाति को काबू करने का कोई तरीका नहीं होता है। अगर आप जाति के लोगों के साथ सही तरीके से व्यवहार करेंगे तो वह आपके साथ भी सही तरीके से व्यवहार करेंगे और धीरे-धीरे आपका समझौता बेहतर हो जाएगा और काबू करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

वर्तमान समय में अधिकांश चमार गरीब है इस वजह से उन्हें काबू करना काफी आसान है। मगर इस परेशानी का समाधान भारतीय सरकार ने निकाला है और विभिन्न प्रकार के नियम और आरक्षण के जरिए चमार जाति के लोगों को सुरक्षा प्रदान किया है। आपको इस तरह की बातों के बारे में समझ होनी चाहिए ताकि आप चमार जाति के लोगों से अच्छा व्यवहार करें और उनके साथ रिश्ता बनाने की कोशिश करें ना कि उन्हें परेशान करने या काबू करने के बारे में सोचें।

निष्कर्ष

आशिक इस लेख में हमने आपको सरल शब्दों में यह समझाने का प्रयास किया है कि चमार जाति क्या है साथ ही गूगल चमार को काबू कैसे करें (Chamar Ko Kabu Kaise Kare) के बारे में भी आपको समझाया है। अगर चमार को काबू कैसे करे के बारे में आप हमारे लेख के जरिए समझ पाए हैं तो इसे अपने मित्रों के साथ साझा करें साथ ही अपने सुझाव और विचार कमेंट में बताना ना भूलें।

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