Poos Ki Raat PDF Download in Hindi | पूस की रात की कहानी

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Poos Ki Raat PDF Download in Hindi – पूस की रात की कहानी महान भारतीय लेखक और उपन्यासकार मुंशी प्रेमचंद के द्वारा लिखा गया है। उपन्यास में मुंशी प्रेमचंद जी भारतीय किसान की स्थिति को दर्शाने का प्रयास कर रहे है। इस कहानी को आज से दशकों पहले 1921 में प्रेमचंद जी के द्वारा प्रकाशित किया गया था।

Poos Ki Raat PDF Download

अगर हम वर्तमान समय में भारतीय किसान की स्थिति देखें तो आज भी किसान ऐसी ही परिस्थिति में फंसा है जिस परिस्थिति में सालों पहले मुंशी प्रेमचंद जी का हल्कु फंसा था। यह उपन्यास हल्कू नाम के एक दुबले-पतले किसान की कहानी है। Poos Ki Raat PDF Download in Hindi में आप एक किसान के जीवन और उसके निर्णय को जरा करीब से समझ पाएंगे।

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Poos Ki Raat PDF Download in Hindi

यह कहानी मुंशी प्रेमचंद जी के द्वारा लिखी कुछ सबसे प्रसिद्ध कहानियों में से एक है। यह एक बहुत ही रोचक कहानी है जिसमें हल्कू नाम का एक किसान जाड़े में अपने कुत्ते के साथ खेत में बैठा है। उसने बड़ी मेहनत से अपनी फसल को बोया और उसे सुरक्षित रखा है। मगर एक रात जब कड़ाके की ठंड पड़ रही थी तब उसकी नकारने की आदत या गरीबी ने उसके पूरे फसल को बर्बाद कर दिया। आखिर पलकों को क्या करना चाहिए था, कैसे उस पूस की रात का सामना करना चाहिए था उस गरीब किसान को इसकी कहानी आपके समक्ष बहुत ही खूबसूरत अंदाज में मुंशी प्रेमचंद जी ने रखने का प्रयास किया है।

अगर आप गूगल पर  Poos Ki Raat PDF Download in Hindi खोज रहे हैं तो आज का लेख आपके लिए लिखा गया है। हमने नीचे आपको पीडीएफ लिंक दिया है जिस पर क्लिक करके आप Poos Ki Raat PDF Download कर सकते है।

Book NamePoos Ki Raat Book PDF Download in Hindi
Pages24
Publish Date1921
WriterMunshi Premchand
CategorySocial
LanguageHindi

Poos Ki Raat Summary in Hindi

बिहार में पूस ठंड के दिन को कहा जाता है। जब कड़ाके की सर्दी पड़ती है तो नवंबर के महीने को पूस कहा जाता है। यह कहानी एक ऐसे ही कड़ाके की सर्दी वाले दिन की है जब हल्कू नाम का एक गरीब किसान अपने खेत में बैठकर अपने महीनों की मेहनत को निहार रहा होता है। वह अपने झबरा नाम के कुत्ते के साथ खेत की रखवाली करने में तैनात रहता है।

मगर भारतीय किसान की हालत उस वक्त बहुत ही खराब थी। घर में पैसा नहीं था कि एक रजाई खरीदी जा सके और ठंड अपने चरम पर पहुंच गई थी। इस वजह से हल्कू अपने खेत को बचाना पाया और जिस तरीके से मुंशी प्रेमचंद जी ने उसकी बेबसी को आपके समक्ष रखा है उसे पढ़कर आपकी आंखों के समक्ष किसानों का ऐसा रूप दिखेगा जो आपकी आंखों को भीगा देगा।

हर व्यक्ति को भारतीय किसान के बारे में समझने के लिए और अपने मन में एक श्रद्धा भावना जगाने के लिए  Poos Ki Raat PDF in Hindi को एक बार जरूर पढ़ना चाहिए।

निष्कर्ष

आज इस लेख में हमने आपको Poos Ki Raat PDF Download in Hindi के बारे में कुछ साधारण जानकारी देने का प्रयास किया है। हमने आपको कुछ तरीकों के बारे में बताया है जिसे पढ़कर आप समझ पाएंगे कि पूस की रात कैसी थी और क्यों इसे भारतीय साहित्य के कुछ सबसे खूबसूरत कहानियों में से एक माना जाता है।

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