Gayatri Chalisa Pdf – मां गायत्री की पूजा करने से घर में सुख शांति बनी रहती है। गायत्री पूजा हर घर में होनी चाहिए, गायत्री पूजा करने के दौरान गायत्री चालीसा का जाप किया जाता है। अगर आप अपने घर में सुख समृद्धि बनाए रखना चाहते हैं तो Gayatri Chalisa Pdf को नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके डाउनलोड करें और गायत्री पूजा के दौरान इस चालीसा को पढ़ें।
गायत्री चालीसा बहुत ही महत्वपूर्ण चालीसा होती है जिसे पढ़कर आप आसानी से घर में सुख शांति और हर तरह की समृद्धि प्राप्त कर सकते है। इस चालीसा को पढ़ने से मां गायत्री खुश होती है, इसे पढ़ने की सही प्रक्रिया और गायत्री चालीसा लिरिक्स नीचे दिया गया है।
Gayatri Chalisa Pdf – Overview
Book Name | Gayatri Chalisa Pdf |
Author | Not Known |
Publish Date | Not Known |
Language | Sanskrit/ Hindi |
Publication | Not Known |
Country | India |
Gayatri Chalisa Pdf
गायत्री चालीसा को मां गायत्री या नारायण की पूजा करने के दौरान पढ़ा जाता है। इसका हर रोज जाप करना चाहिए, अगर आपके घर में क्लेश होते रहता है और आप अपने कार्यक्षेत्र और व्यवस्था में तरक्की ना मिलने के कारण अस्त-व्यस्त रहते हैं तो इन सभी समस्याओं के समाधान आपको गायत्री चालीसा पढ़ने से मिल सकता है।
गायत्री चालीसा पढ़ने से आपका मन शांत होता है घर में एक अच्छा माहौल बनता है। इसके साथ ही आपके घर की सारी परेशानियां रोग दुख दर्द क्लेश सभी प्रकार की परेशानी दूर होने लगती है।
Gayatri Chalisa Lyrics in Hindi
|| ॐ श्री गणेशाय नमः ||
|| दोहा ||
हीं श्रीं, क्लीं, मेधा, प्रभा, जीवन ज्योति प्रचण्ड |
शांति, क्रांति, जागृति, प्रगति, रचना शक्ति अखण्ड ||
जगत जननि, मंगल करनि, गायत्री सुखधाम |
प्रणवों सावित्री, स्वधा, स्वाहा पूरन काम ||
|| चालीसा ||
भूर्भुवः स्वः ॐ युत जननी | गायत्री नित कलिमल दहनी ||
अक्षर चौबिस परम पुनीता | इनमें बसें शास्त्र, श्रुति, गीता ||
शाश्वत सतोगुणी सतरुपा | सत्य सनातन सुधा अनूपा ||
हंसारुढ़ श्वेतांबर धारी | स्वर्णकांति शुचि गगन बिहारी ||
पुस्तक पुष्प कमंडलु माला | शुभ्र वर्ण तनु नयन विशाला ||
ध्यान धरत पुलकित हिय होई | सुख उपजत, दुःख दुरमति खोई ||
कामधेनु तुम सुर तरु छाया | निराकार की अदभुत माया ||
तुम्हरी शरण गहै जो कोई | तरै सकल संकट सों सोई ||
तुम्हरी महिमा पारन पावें | जो शारद शत मुख गुण गावें ||
चार वेद की मातु पुनीता | तुम ब्रहमाणी गौरी सीता ||
महामंत्र जितने जग माहीं | कोऊ गायत्री सम नाहीं ||
सुमिरत हिय में ज्ञान प्रकासै | आलस पाप अविद्या नासै ||
सृष्टि बीज जग जननि भवानी | काल रात्रि वरदा कल्यानी ||
ब्रहमा विष्णु रुद्र सुर जेते | तुम सों पावें सुरता तेते ||
तुम भक्तन की भक्त तुम्हारे | जननिहिं पुत्र प्राण ते प्यारे ||
महिमा अपरम्पार तुम्हारी | जै जै जै त्रिपदा भय हारी ||
पूरित सकल ज्ञान विज्ञाना | तुम सम अधिक न जग में आना ||
तुमहिं जानि कछु रहै न शेषा | तुमहिं पाय कछु रहै न क्लेषा ||
जानत तुमहिं, तुमहिं है जाई | पारस परसि कुधातु सुहाई ||
तुम्हरी शक्ति दिपै सब ठाई | माता तुम सब ठौर समाई ||
ग्रह नक्षत्र ब्रहमाण्ड घनेरे | सब गतिवान तुम्हारे प्रेरे ||
सकलसृष्टि की प्राण विधाता | पालक पोषक नाशक त्राता ||
मातेश्वरी दया व्रत धारी | तुम सन तरे पतकी भारी ||
जापर कृपा तुम्हारी होई | तापर कृपा करें सब कोई ||
मंद बुद्घि ते बुधि बल पावें | रोगी रोग रहित है जावें ||
दारिद मिटै कटै सब पीरा | नाशै दुःख हरै भव भीरा ||
गृह कलेश चित चिंता भारी | नासै गायत्री भय हारी ||
संतिति हीन सुसंतति पावें | सुख संपत्ति युत मोद मनावें ||
भूत पिशाच सबै भय खावें | यम के दूत निकट नहिं आवें ||
जो सधवा सुमिरें चित लाई | अछत सुहाग सदा सुखदाई ||
घर वर सुख प्रद लहैं कुमारी | विधवा रहें सत्य व्रत धारी ||
जयति जयति जगदम्ब भवानी | तुम सम और दयालु न दानी ||
जो सदगुरु सों दीक्षा पावें | सो साधन को सफल बनावें ||
सुमिरन करें सुरुचि बड़भागी | लहैं मनोरथ गृही विरागी ||
अष्ट सिद्घि नवनिधि की दाता | सब समर्थ गायत्री माता ||
ऋषि, मुनि, यती, तपस्वी, जोगी | आरत, अर्थी, चिंतित, भोगी ||
जो जो शरण तुम्हारी आवें | सो सो मन वांछित फल पावें ||
बल, बुद्घि, विघा, शील स्वभाऊ | धन वैभव यश तेज उछाऊ ||
सकल बढ़ें उपजे सुख नाना | जो यह पाठ करै धरि ध्याना ||
जो यह पाठ करै धरि ध्याना ||
|| दोहा ||
यह चालीसा भक्तियुत, पाठ करे जो कोय |
तापर कृपा प्रसन्नता, गायत्री की होय ||
|| बोलिये गायत्री माता की जय ||
गायत्री चालीसा पढ़ने से लाभ
अगर आप रोजाना गायत्री चालीसा पढ़ते हैं तो आपको क्या लाभ मिलेगा इसे नीचे सूचीबद्ध किया गया है –
- मां गायत्री का ध्यान पूर्वक जाप करने से आपके मन में शांति आती है और घर में सुख समृद्धि होती है।
- कार्यक्षेत्र में आपका रुका हुआ कोई भी कम खुल जाता है और आपका व्यवसाय भी तेजी से चलने लगता है।
- मां गायत्री इस पूरे संसार में सुख समृद्धि और दुखों का नाश करती है आपको गायत्री चालीसा पढ़ने से घर में क्लेश से छुटकारा मिल जाएगा।
- गायत्री चालीसा पढ़ने से बुद्धि तेज होती है और भगवान की असीम कृपा आपके पूरे परिवार पर बनी रहती है।
गायत्री चालीसा कब पढ़ना चाहिए?
गायत्री चालीसा का जाप करना बहुत ही जरूरी होता है मगर इसे पढ़ने की सही प्रक्रिया के बारे में मालूम होना चाहिए –
- आप गायत्री चालीसा को रोज सुबह नारायण या मां गायत्री की पूजा करने के दौरान पढ़ सकते है।
- रोज सुबह नहा धोकर जहां आप भगवान की पूजा करते हैं वहां बैठकर उनकी पूजा कर सकते हैं।
- मां गायत्री की पूजा करने के दौरान आपको गायत्री चालीसा लाल कपड़े में रखना है।
- रोजाना गायत्री चालीसा का जाप करना चाहिए इसे अब पूजा करने से पहले और पूजा करने के बाद भी पढ़ सकते हैं।
निष्कर्ष
इस लेख में Gayatri Chalisa Pdf के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई है जिसे पढ़कर आप आसानी से मां गायत्री की पूजा कर सकते हैं और अपने जीवन में सुख समृद्धि प्राप्त कर सकते है। अगर यह जानकारी आपको लाभदायक लगी है और आप मां गायत्री की पूजा कर पाए हैं तो इसे अपने मित्रों के साथ साझा करें।