Kuber Chalisa PDF Download | कुबेर चालीसा

Kuber Chalisa PDF
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Kuber Chalisa PDF – घर में धन दौलत की बरकत करने के लिए और अपने व्यवसाय को तेजी से बड़ा करने के लिए कुबेर चालीसा का जाप करना चाहिए। जैसा कि हम जानते हैं भगवान कुबेर धन दौलत के देवता माने जाते है। लक्ष्मी के सभी धर्म की रक्षा कुबेर महाराज करते हैं इस वजह से धन दौलत और एसो आराम प्राप्त करने के लिए कुबेर की पूजा की जाती है। इसलिए आज Kuber Chalisa PDF की जानकारी नीचे दी गई है जिसे आप डाउनलोड करके भगवान कुबेर की पूजा में पढ़ सकते हैं।

हमने आपको कुबेर चालीसा का लिरिक्स (Kuber Chalisa Lyrics) भी दिया है जिसे पढ़कर आप आसानी से भगवान कुबेर को प्रसन्न कर सकते है। घर में भगवान कुबेर को खुश करने से धन दौलत की बरकत बनी रहती है। घर में सुख-शांति कार्य क्षेत्र में समृद्धि और तरक्की प्राप्त करने के साथ-साथ खूब सारा धन दौलत पाने के लिए कुबेर चालीसा का रोजाना जाप करें।

Book NameKuber Chalisa PDF
Author Not Known 
Publish DateNot Known
Language Hindi/ Sanskrit 
Publication Not Known 
Downloads 784 downloads 

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Kuber Chalisa PDF

कुबेर चालीसा का जाप करने से आपके घर में खूब धन दौलत और बरकत बनी रहती है। कुबेर चालीसा आपको आसानी से तरक्की की राह पर ले जाता है। यह चालीसा भगवान कुबेर के लिए लिखी गई है भगवान कुबेर की आराधना करते वक्त और उन्हें प्रसन्न नगर के धन दौलत की खुशी प्राप्त करने के लिए कुबेर चालीसा का जाप किया जाता है।

अगर आप Kuber Chalisa PDF को खुश करना चाहते हैं और अपने घर में खूब सारा धन दौलत चाहते हैं तो आपको कुबेर चालीसा का जाप रोजाना करना चाहिए। कुबेर चालीसा का जाप करने की पूरी प्रक्रिया नीचे बताई गई है।

Kuber Chalisa Lyrics – कुबेर चालीसा

॥ दोहा ॥

जैसे अटल हिमालय और जैसे अडिग सुमेर ।

ऐसे ही स्वर्ग द्वार पै, अविचल खड़े कुबेर ॥

विघ्न हरण मंगल करण, सुनो शरणागत की टेर ।

भक्त हेतु वितरण करो, धन माया के ढ़ेर ॥

॥ चौपाई ॥

जै जै जै श्री कुबेर भण्डारी ।

धन माया के तुम अधिकारी ॥

तप तेज पुंज निर्भय भय हारी ।

पवन वेग सम सम तनु बलधारी ॥

स्वर्ग द्वार की करें पहरे दारी ।

सेवक इंद्र देव के आज्ञाकारी ॥

यक्ष यक्षणी की है सेना भारी ।

सेनापति बने युद्ध में धनुधारी ॥

महा योद्धा बन शस्त्र धारैं ।

युद्ध करैं शत्रु को मारैं ॥

सदा विजयी कभी ना हारैं ।

भगत जनों के संकट टारैं ॥

प्रपितामह हैं स्वयं विधाता ।

पुलिस्ता वंश के जन्म विख्याता ॥

विश्रवा पिता इडविडा जी माता ।

विभीषण भगत आपके भ्राता ॥

शिव चरणों में जब ध्यान लगाया ।

घोर तपस्या करी तन को सुखाया ॥

शिव वरदान मिले देवत्य पाया ।

अमृत पान करी अमर हुई काया ॥

धर्म ध्वजा सदा लिए हाथ में ।

देवी देवता सब फिरैं साथ में ॥

पीताम्बर वस्त्र पहने गात में ।

बल शक्ति पूरी यक्ष जात में ॥

स्वर्ण सिंहासन आप विराजैं ।

त्रिशूल गदा हाथ में साजैं ॥

शंख मृदंग नगारे बाजैं ।

गंधर्व राग मधुर स्वर गाजैं ॥

चौंसठ योगनी मंगल गावैं ।

ऋद्धि सिद्धि नित भोग लगावैं ॥

दास दासनी सिर छत्र फिरावैं ।

यक्ष यक्षणी मिल चंवर ढूलावैं ॥

ऋषियों में जैसे परशुराम बली हैं ।

देवन्ह में जैसे हनुमान बली हैं ॥

पुरुषोंमें जैसे भीम बली हैं ।

यक्षों में ऐसे ही कुबेर बली हैं ॥

भगतों में जैसे प्रहलाद बड़े हैं ।

पक्षियों में जैसे गरुड़ बड़े हैं ॥

नागों में जैसे शेष बड़े हैं ।

वैसे ही भगत कुबेर बड़े हैं ॥

कांधे धनुष हाथ में भाला ।

गले फूलों की पहनी माला ॥

स्वर्ण मुकुट अरु देह विशाला ।

दूर दूर तक होए उजाला ॥

कुबेर देव को जो मन में धारे ।

सदा विजय हो कभी न हारे ॥

बिगड़े काम बन जाएं सारे ।

अन्न धन के रहें भरे भण्डारे ॥

कुबेर गरीब को आप उभारैं ।

कुबेर कर्ज को शीघ्र उतारैं ॥

कुबेर भगत के संकट टारैं ।

कुबेर शत्रु को क्षण में मारैं ॥

शीघ्र धनी जो होना चाहे ।

क्युं नहीं यक्ष कुबेर मनाएं ॥

यह पाठ जो पढ़े पढ़ाएं ।

दिन दुगना व्यापार बढ़ाएं ॥

भूत प्रेत को कुबेर भगावैं ।

अड़े काम को कुबेर बनावैं ॥

रोग शोक को कुबेर नशावैं ।

कलंक कोढ़ को कुबेर हटावैं ॥

कुबेर चढ़े को और चढ़ादे ।

कुबेर गिरे को पुन: उठा दे ॥

कुबेर भाग्य को तुरंत जगा दे ।

कुबेर भूले को राह बता दे ॥

प्यासे की प्यास कुबेर बुझा दे ।

भूखे की भूख कुबेर मिटा दे ॥

रोगी का रोग कुबेर घटा दे ।

दुखिया का दुख कुबेर छुटा दे ॥

बांझ की गोद कुबेर भरा दे ।

कारोबार को कुबेर बढ़ा दे ॥

कारागार से कुबेर छुड़ा दे ।

चोर ठगों से कुबेर बचा दे ॥

कोर्ट केस में कुबेर जितावै ।

जो कुबेर को मन में ध्यावै ॥

चुनाव में जीत कुबेर करावैं ।

मंत्री पद पर कुबेर बिठावैं ॥

पाठ करे जो नित मन लाई ।

उसकी कला हो सदा सवाई ॥

जिसपे प्रसन्न कुबेर की माई ।

उसका जीवन चले सुखदाई ॥

जो कुबेर का पाठ करावै ।

उसका बेड़ा पार लगावै ॥

उजड़े घर को पुन: बसावै ।

शत्रु को भी मित्र बनावै ॥

सहस्त्र पुस्तक जो दान कराई ।

सब सुख भोद पदार्थ पाई ॥

प्राण त्याग कर स्वर्ग में जाई ।

मानस परिवार कुबेर कीर्ति गाई ॥

॥ दोहा ॥

शिव भक्तों में अग्रणी, श्री यक्षराज कुबेर ।

हृदय में ज्ञान प्रकाश भर, कर दो दूर अंधेर ॥

कर दो दूर अंधेर अब, जरा करो ना देर ।

शरण पड़ा हूं आपकी, दया की दृष्टि फेर ।

कुबेर चालीसा पढ़ने के फायदे

अगर आप कुबेर चालीसा पढ़ते हैं तो आपको किस तरह का लाभ मिलेगा उसे नीचे सूचीबद्ध किया गया है – 

  • कुबेर चालीसा पढ़ने से आपके घर में कभी धन की कमी नहीं होगी।
  • आप अपने कार्य क्षेत्र और व्यवसाय में काफी तेजी से तरक्की प्राप्त कर पाएंगे।
  • कुबेर चालीसा का रोजाना जाप करने से घर में सुख शांति और धन की बरकत बनी रहती है।
  • कुबेर चालीसा अच्छा तरीका है जिसके जरिए आप जीवन में आसानी से तरक्की प्राप्त कर सकते हैं।
  • इससे आप धन के देवता को खुश कर पाएंगे और उसका लाभ आप अपने जीवन में तुरंत पाएंगे।

निष्कर्ष

आज इस लेख में हमने आपको Kuber Chalisa PDF के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी है जिसे पढ़कर आप आसानी से समझ सकते हैं कि कुबेर चालीसा का जाप कैसे किया जाता है और कुबेर चालीसा के जरिए आप जीवन में तरक्की कैसे प्राप्त कर सकते हैं। अगर कुबेर चालीसा पढ़कर आप अपने धन के देवता को खुश करने की प्रक्रिया सीख ली है तो इसे अपने मित्रों के साथ भी साझा करें।

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