Vishnu Chalisa PDF – श्री हरि विष्णु हिंदू धर्म में त्रिमूर्ति के अंश माने जाते है। उन्हें विश्व का पालनहार कहा जाता है विष्णु इस धरती को सही तरीके से संचालन करने का कार्य करते है। हमारे जीवन में सुख समृद्धि कार्यक्षेत्र में उपलब्धि विष्णु भगवान की कृपा से मिलती है। इस वजह से आज Vishnu Chalisa Pdf के बारे में जानकारी दी गई है जिसे पढ़कर आप समझ सकते हैं कि विष्णु चालीसा क्या है? और इसे कब पढ़ना चाहिए इसके अलावा विष्णु चालीसा पढ़ने से किस प्रकार का लाभ होता है इसके बारे में भी जानकारी दी गई है।
विष्णु चालीसा का जब हमें रोजाना सुबह करना चाहिए। अगर आप अपने जीवन में कार्य क्षेत्र में समृद्धि प्राप्त करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको विष्णु चालीसा का रोजाना जाप करना चाहिए। भगवान विष्णु की आरती करने के दौरान विष्णु चालीसा पढ़ा जाता है और इसके जरिए आप अपने वैवाहिक जीवन प्रेम संबंध और कार्य क्षेत्र में सफलता को तुरंत प्राप्त कर सकते है।
Vishnu Chalisa PDF – Overview
Book Name | Vishnu Chalisa PDF |
Author | Not Known |
Publish Date | Not Known |
Language | Hindi/ Sanskrit |
Publication | Not Known |
Country | India |
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Vishnu Chalisa Pdf
विष्णु चालीसा में भगवान विष्णु के व्यक्तित्व को दर्शाने का प्रयास किया गया है। इसे पढ़कर आप आसानी से भगवान विष्णु को प्रसन्न न कर सकते हैं और इसका रोजाना जाप करते हुए अपने जीवन में एक असीम शांति और खुशहाली का अनुभव प्राप्त कर पाएंगे।
जब हमारे घर में क्लेश होता है या फिर प्यार संबंध सही से नहीं चलता है तब हमें भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। घर में सुख शांति और समृद्धि को बरकरार रखने के लिए नारायण की कथा भी रखवाई जाती है। आप रोजाना कथा नहीं करवा सकते तो आपको विष्णु चालीसा रोजाना भगवान विष्णु की पूजा के दौरान करना चाहिए।
Vishnu Chalisa Lyrics in Hindi
॥ दोहा ॥
विष्णु सुनिए विनय सेवक की चितलाय।
कीरत कुछ वर्णन करूँ दीजै ज्ञान बताय॥
॥ चौपाई ॥
नमो विष्णु भगवान खरारी,
कष्ट नशावन अखिल बिहारी।
प्रबल जगत में शक्ति तुम्हारी,
त्रिभुवन फैल रही उजियारी।
सुन्दर रूप मनोहर सूरत,
सरल स्वभाव मोहनी मूरत।
तन पर पीताम्बर अति सोहत,
बैजन्ती माला मन मोहत।
शंख चक्र कर गदा बिराजे,
देखत दैत्य असुर दल भाजे।
सत्य धर्म मद लोभ न गाजे,
काम क्रोध मद लोभ न छाजे।
सन्तभक्त सज्जन मनरंजन,
दनुज असुर दुष्टन दल गंजन।
सुख उपजाय कष्ट सब भंजन,
दोष मिटाय करत जन सज्जन।
पाप काट भव सिन्धु उतारण,
कष्ट नाशकर भक्त उबारण।
करत अनेक रूप प्रभु धारण,
केवल आप भक्ति के कारण।
धरणि धेनु बन तुमहिं पुकार,
तब तुम रूप राम का धारा।
भार उतार असुर दल मारा,
रावण आदिक को संहारा।
आप वाराह रूप बनाया,
हिरण्याक्ष को मार गिराया।
धर मत्स्य तन सिन्धु बनाया,
चौदह रतनन को निकलाया।
अमिलख असुरन द्वन्द मचाया,
रूप मोहनी आप दिखाया।
देवन को अमृत पान कराया,
असुरन को छबि से बहलाया।
कूर्म रूप धर सिन्धु मझाया,
मन्द्राचल गिरि तुरत उठाया।
शंकर का तुम फन्द छुड़ाया,
भस्मासुर को रूप दिखाया।
वेदन को जब असुर डुबाया,
कर प्रबन्ध उन्हें ढुँढवाया।
मोहित अनकर खलहि नचाया,
उसही कर से भस्म कराया।
असुर जलंधर अति बलदाई,
शंकर से उन कीन्ह लड़ाई।
हार पार शिव सकल बनाई,
कीन सती से छल खल जाई ।
सुमिरन कीन तुम्हें शिवरानी,
बतलाई सब विपत कहानी।
तब तुम बने मुनीश्वर ज्ञानी,
वृन्दा की सब सुरति भुलानी।
देखत तीन दनुज शैतानी,
वृन्दा आय तुम्हें लपटानी।
हो स्पर्श धर्म क्षति मानी,
हना असुर उर शिव शैतानी।
तुमने ध्रुव प्रहलाद उबारे,
हिरणाकुश आदिक खल मारे।
गणिका और अजामिल तारे,
बहुत भक्त भव सिन्धु उतारे।
हरहु सकल संताप हमारे,
कृपा करहु हरि सिरजन हारे।
देखहुँ मैं निज दरश तुम्हारे,
दीन बन्धु भक्तन हितकारे।
चहत आपका सेवक दर्शन,
करहु दया अपनी मधुसूदन।
जानूं नहीं योग्य जप पूजन,
होय यज्ञ स्तुति अनुमोदन।
शीलदया सन्तोष सुलक्षण,
विदित नहीं व्रतबोध विलक्षण।
करहुँ आपका किस विधि पूजन,
कुमति विलोक होत दुख भीषण।
करहुँ प्रणाम कौन विधिसुमिरण,
कौन भांति मैं करहु समर्पण।
सुर मुनि करत सदा सेवकाई,
हर्षित रहत परम गति पाई।
दीन दुखिन पर सदा सहाई,
जिन जन जान लेव अपनाई।
पाप दोष संताप नशाओ,
भव बन्धन से मुक्त कराओ।
सुत सम्पति दे सुख उपजाओ,
निज चरनन का दास बनाओ।
निगम सदा ये विनय सुनावै,
पढै सुनै सो जन सुख पावै।
विष्णु चालीसा कब पढ़ना चाहिए?
अगर आप विष्णु चालीसा पढ़कर भगवान विष्णु से आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको यह चालीसा कब पढ़नी चाहिए इसकी जानकारी नीचे सूचीबद्ध की गई है –
- आपको रोजाना सुबह भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए उसे वक्त आप विष्णु चालीसा पढ़ सकते हैं।
- विष्णु चालीसा की आरती के दौरान आपको विष्णु चालीसा को पढ़ सकते है।
- नहा धोकर मां लक्ष्मी और विष्णु भगवान की पूजा करनी चाहिए उसे वक्त आप विष्णु चालीसा पढ़ सकते हैं।
- भगवान विष्णु की आरती के बाद भी या आरती से पहले विष्णु चालीसा पढ़ सकते हैं।
निष्कर्ष
इस लेख में Vishnu Chalisa Pdf in Hindi के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई है जिसे पढ़कर आप आसानी से समझ सकते हैं कि विष्णु चालीसा कैसे पढ़ना चाहिए और किस प्रकार आप इसका जाप कर सकते है। अगर साझा की गई जानकारी आपको लाभदायक लगती है तो इसे आप अपने मित्रों के साथ भी सजा कर सकते हैं।