Batuk Bhairav Chalisa Pdf – भैरव बाबा को प्रसन्न करने से आपके घर में सुख-शांति बनी रहती है। वह शिव जी के अवतार हैं इन्हें भगवान शंकर का गण रूप भी कहा जाता है। भैरव बाबा स्वान की सवारी करते हैं और सभी बुरी शक्तियों को अपने काबू में रखते हैं मुख्य रूप से इन्हें काशी का कोतवाल कहा जाता है इसके अलावा अन्य क्षेत्र में भी इनकी प्रचलित मंदिर है। आज इस लेख में Batuk Bhairav Chalisa Pdf दिया गया है जिसे पढ़कर आप आसानी से भैरव बाबा को प्रसन्न कर सकते है।
बटुक भैरव चालीसा (Batuk Bhairav Chalisa Pdf) का एक प्रारूप नीचे दिया गया है जिसे पढ़कर आप आसानी से भगवान भैरव को प्रसन्न कर सकते है। भैरव चालीसा का रोजाना जाप करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है और हर तरह का सांसारिक सुख आपको मिलता है।
Batuk Bhairav Chalisa Pdf – Overview
Book Name | Batuk Bhairav Chalisa Pdf |
Author | Not Known |
Publish Date | Not Known |
Language | Hindi/ Gujarati |
Publication | Not Known |
Downloads | 784 downloads |
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Batuk Bhairav Chalisa Pdf
बटुक भैरव चालीसा का रोजाना जाप करना चाहिए। भगवान भैरव को खुश करने के लिए भैरव चालीसा का जाप किया जाता है। रोजाना बटुक भैरव चालीसा का जाप करने से भगवान खुश होते है। इसके अलावा आपके ऊपर अच्छी कृपा दृष्टि बनी रहती है।
घर में सुख शांति समृद्धि धन-दौलत और सभी प्रकार का ऐसो आराम प्राप्त करने के लिए भैरव बाबा को प्रसन्न करना आवश्यक है। बटुक भैरव चालीसा का एक प्रारूप दिया गया है जिसे आप डाउनलोड करके भगवान भैरव को खुश कर सकते है।
इसके अलावा अगर आप बटुक Batuk Bhairav Chalisa Lyrics पढ़कर भगवान भैरव की पूजा करना चाहते हैं तो नीचे दिए गए लिरिक्स को पढ़ें और उनकी असीम कृपा का लाभ उठाएं।
Batuk Bhairav Chalisa Lyrics – बटुक भैरव चालीसा
॥ दोहा ॥
विश्वनाथ को सुमरि मन,
धर गणेश का ध्यान।
भैरव चालीसा पढूं,
कृपा करहु भगवान॥
बटुकनाथ भैरव भजूं,
श्री काली के लाल।
मुझ दास पर कृपा कर,
काशी के कुतवाल॥
॥ चौपाई ॥
जय जय श्री काली के लाला,
रहो दास पर सदा दयाला।
भैरव भीषण भीम कपाली,
क्रोधवन्त लोचन में लाली।
कर त्रिशूल है कठिन कराला,
गल में प्रभु मुंडन की माला।
कृष्ण रूप तन वर्ण विशाला,
पीकर मद रहता मतवाला।
रुद्र बटुक भक्तन के संगी,
प्रेतनाथ भूतेश भुजंगी।
त्रैल तेश है नाम तुम्हारा,
चक्रदण्ड अमरेश पियारा।
शेखर चन्द्र कपाल विराजै,
स्वान सवारी पै प्रभु गाजै।
शिव नकुलेश चण्ड हो स्वामी,
बैजानाथ प्रभु नमो नमामी।
अश्वनाथ क्रोधेश बखाने,
भैंरो काल जगत न जाने।
गायत्री कहैं निमिष दिगम्बर,
जगनाथ उन्नत आडम्बर।
क्षेत्रपाल दशपाणि कहाये,
मंजुल उमानन्द कहलाये।
चक्रनाथ भक्तन हितकारी,
कहैं त्रयम्बक सब नर नारी।
संहारक सुनन्द सब नामा,
करहु भक्त के पूरण कामा।
नाथ पिशाचन के हो प्यारे,
संकट मेटहु सकल हमारे।
कृत्यायू सुन्दर आनन्दा,
भक्त जनन के काटहु फंदा।
कारण लम्ब आप भयभंजन,
नमोनाथ जय जनमन रंजन।
हो तुम देव त्रिलोचन नाथा,
भक्त चरण में नावत माथा।
त्वं अशितांग रुद्र के लाला,
महाकाल कालों के काला।
ताप विमोचन अरिदल नासा,
भाल चन्द्रमा करहिं प्रकाशा।
श्वेत काल अरु लाल शरीरा,
मस्तक मुकुट शीश पर चीरा।
काली के लाला बलधारी,
कहां तक शोभा कहुं तुम्हारी।
शंकर के अवतार कृपाला,
रहो चकाचक पी मद प्याला।
काशी के कुतवाल कहाओ,
बटुकनाथ चेटक दिखलाओ।
रवि के दिन जन भोग लगावें,
धूप दीप नैवेद्य चढ़ावें।
दरशन करके भक्त सिहावें,
दारुड़ा की धार पिलावें।
मठ में सुन्दर लटकत झावा,
सिद्ध कार्य कर भैरों बाबा।
नाथ आपका यश नहीं थोड़ा,
करमें सुभग सुशोभित कोड़ा।
कटि घुंघरू सुरीले बाजत,
कंचनमय सिंहासन राजत।
नर नारी सब तुमको ध्यावहिं,
मनवांछित इच्छाफल पावहिं।
भोपा हैं आपके पुजारी,
करें आरती सेवा भारी।
भैरव भात आपका गाऊँ,
बार बार पद शीश नवाऊँ।
आपहि वारे छीजन धाये,
ऐलादी ने रुदन मचाये।
बहन त्यागि भाई कहाँ जावे,
तो बिन को मोहि भात पिन्हावे।
रोये बटुक नाथ करुणा कर,
गये हिवारे मैं तुम जाकर।
दुखित भई ऐलादी बाला,
तब हर का सिंहासन हाला।
समय ब्याह का जिस दिन आया,
प्रभु ने तुमको तुरत पठाया।
विष्णु कही मत विलम्ब लगाओ,
तीन दिवस को भैरव जाओ।
दल पठान संग लेकर धाया,
ऐलादी को भात पिन्हाया।
पूरन आस बहन की कीनी,
सुर्ख चुन्दरी सिर धर दीनी।
भात भरा लौटे गुण ग्रामी,
नमो नमामी अन्तर्यामी।
॥ दोहा ॥
जय जय जय भैरव बटुक,
स्वामी संकट टार।
कृपा दास पर कीजिए,
शंकर के अवतार॥
जो यह चालीसा पढ़े,
प्रेम सहित सत बार।
उस घर सर्वानन्द हों,
वैभव बढ़ें अपार॥
बटुक भैरव चालीसा कब और कैसे पढ़ना चाहिए?
अगर आप बटुक भैरव चालीसा का रोजाना जाप करते हैं तो आपको अच्छा लाभ मिलेगा इसे पढ़ने का सही प्रक्रिया नीचे बताया गया है –
- भगवान भैरव शंकर के गण रूप हैं इस वजह से इन्हें प्रसन्न करना आसान है आपको कोई भी खास कार्य करने की आवश्यकता नहीं है।
- आपको बटुक भैरव चालीसा का जाप रोजाना सुबह करना चाहिए।
- बटुक भैरव चालीसा का जब हर रोज नहा धोकर भगवान शंकर की पूजा या भगवान भैरव की पूजा के दौरान करना चाहिए।
बटुक भैरव चालीसा पढ़ने के लाभ
भगवान भैरव को प्रसन्न करने के लिए बटुक भैरव चालीसा पढ़ा जाता है। इसे पढ़ने पर आपको कौन कौन सा लाभ मिलेगा उसे नीचे सूचीबद्ध किया गया है –
- भैरव चालीसा पढ़ने से आपके घर में कलेश रुक जाएगा।
- घर में सुख शांति बनाए रखने लड़ाई झगड़े को कम करने और परिवार के बीच प्यार को बढ़ाने के लिए बटुक भैरव चालीसा पढ़ा जाता है।
- बटुक भैरव चालीसा का रोजाना जाप करने से आप आसानी से तरक्की प्राप्त कर सकते है।
- जीवन में सफल होने के लिए आपको बटुक भैरव चालीसा का जाप करना चाहिए।
- रोजाना सुबह-सुबह बटुक भैरव चालीसा पीडीएफ पढ़ने से हर तरह का सांसारिक सुख आप आसानी से प्राप्त कर पाएंगे।
निष्कर्ष
आज इस लेख में आपको Batuk Bhairav Chalisa Pdf के बारे में जानकारी दी है जिसे पढ़कर आप आसानी से भगवान भैरव को खुश कर सकते हैं और भैरव चालीसा का जाप करने से आप जीवन में और बेहतर तरक्की प्राप्त कर सकते हैं। अगर आपको भैरव चालीसा की जानकारी और लाभ मिल पाया है तो इसे अपने मित्रों के साथ भी साझा करें।