Parasnath Chalisa Pdf | पारसनाथ चालीसा पढे हिन्दी मे

Parasnath Chalisa Pdf
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Parasnath Chalisa Pdf – बाबा पारसनाथ की पूजा के दौरान पारसनाथ चालीसा पढ़ा जाता है। पारस बाबा की कृपा अपने ऊपर बनाए रखने के लिए आपको पारसनाथ चालीसा का जाप करना चाहिए। इस चालीसा का जाप करने से घर में सुख शांति और समृद्धि बनी रहती है। इस वजह से आज हम आपको Parasnath Chalisa Pdf के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं।

अगर आपके घर में क्लेश होता है और आपको अपने कार्यक्षेत्र में तेजी से तरक्की नहीं मिल पा रही है तो आपको पारसनाथ चालीसा पढ़ना चाहिए। पूजा के दौरान रोजाना पारसनाथ चालीसा पढ़ने से आपको इसका अच्छा लाभ मिलता है। इस वजह से Parasnath Chalisa Pdf को नीचे सूचीबद्ध किया गया है आप उसे आसानी से हिंदी भाषा में पढ़ सकते हैं।

Parasnath Chalisa PdfOverview

Book NameParasnath Chalisa Pdf
Author Not Known 
Publish DateNot Known
Language Hindi/ Sanskrit 
Publication Not Known 
Downloads 9867 downloads

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Parasnath Chalisa Pdf

पारसनाथ का जन्म आज से 3000 वर्ष पहले वाराणसी में हुआ था। उन्हें देवता का अवतार माना जाता था उन्होंने धरती को पाप मुक्त किया था और आज उनकी पूजा दुनिया भर के लोग सफलता प्राप्त करने के लिए करते हैं। उन्हें भगवान शंकर का अवतार कहा जाता है।

आपको काशी में पारसनाथ मंदिर मिल जाएगा। अगर आप अपने पूजा के दौरान पारसनाथ चालीसा का जाप करते हैं तो आपको सुख समृद्धि और तरक्की आसानी से मिलेगी। इसके लिए नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके आपको पारसनाथ पीडीएफ डाउनलोड करना होगा। अपने आपको पारसनाथ चलीसा नीचे भी दिया है जिसका इस्तेमाल आप अपने पूजा में कर सकते हैं।

Parasnath Chalisa Lyrics 

दोहा

शीश नवा अरिहंत को, सिद्धन करूं प्रणाम।

उपाध्याय आचार्य का ले सुखकारी नाम।

सर्व साधु और सरस्वती, जिन मंदिर सुखकार।

अहिच्छत्र और पार्श्व को, मन मंदिर में धार।|

।।चौपाई।।

पार्श्वनाथ जगत हितकारी, हो स्वामी तुम व्रत के धारी।

सुर नर असुर करें तुम सेवा, तुम ही सब देवन के देवा।

तुमसे करम शत्रु भी हारा, तुम कीना जग का निस्तारा।

अश्वसेन के राजदुलारे, वामा की आंखों के तारे।

काशीजी के स्वामी कहाए, सारी परजा मौज उड़ाए।

इक दिन सब मित्रों को लेके, सैर करन को वन में पहुंचे।

हाथी पर कसकर अम्बारी, इक जंगल में गई सवारी।

एक तपस्वी देख वहां पर, उससे बोले वचन सुनाकर।

तपसी! तुम क्यों पाप कमाते, इस लक्कड़ में जीव जलाते।

तपसी तभी कुदाल उठाया, उस लक्कड़ को चीर गिराया।

निकले नाग-नागनी कारे, मरने के थे निकट बिचारे।

रहम प्रभु के दिल में आया, तभी मंत्र नवकार सुनाया।

मरकर वो पाताल सिधाए, पद्मावती धरणेन्द्र कहाए।

तपसी मरकर देव कहाया, नाम कमठ ग्रंथों में गाया।

एक समय श्री पारस स्वामी, राज छोड़कर वन की ठानी।

तप करते थे ध्यान लगाए, इक दिन कमठ वहां पर आए।

फौरन ही प्रभु को पहिचाना, बदला लेना दिल में ठाना।

बहुत अधिक बारिश बरसाई, बादल गरजे बिजली गिराई।

बहुत अधिक पत्थर बरसाए, स्वामी तन को नहीं हिलाए।

पद्मावती धरणेन्द्र भी आए, प्रभु की सेवा में चित लाए।

धरणेन्द्र ने फन फैलाया, प्रभु के सिर पर छत्र बनाया।

पद्मावती ने फन फैलाया, उस पर स्वामी को बैठाया।

कर्मनाश प्रभु ज्ञान उपाया, समोशरण देवेन्द्र रचाया।

यही जगह अहिच्छत्र कहाए, पात्र केशरी जहां पर आए।

शिष्य पांच सौ संग विद्वाना, जिनको जाने सकल जहाना।

पार्श्वनाथ का दर्शन पाया, सबने जैन धरम अपनाया।

अहिच्छत्र श्री सुन्दर नगरी, जहां सुखी थी परजा सगरी।

राजा श्री वसुपाल कहाए, वो इक जिन मंदिर बनवाए।

प्रतिमा पर पालिश करवाया, फौरन इक मिस्त्री बुलवाया।

वह मिस्तरी मांस था खाता, इससे पालिश था गिर जाता।

मुनि ने उसे उपाय बताया, पारस दर्शन व्रत दिलवाया।

मिस्त्री ने व्रत पालन कीना, फौरन ही रंग चढ़ा नवीना।

गदर सतावन का किस्सा है, इक माली का यों लिक्खा है।

वह माली प्रतिमा को लेकर, झट छुप गया कुए के अंदर।

उस पानी का अतिशय भारी, दूर होय सारी बीमारी।

जो अहिच्छत्र हृदय से ध्वावे, सो नर उत्तम पदवी वावे।

पुत्र संपदा की बढ़ती हो, पापों की इकदम घटती हो।

है तहसील आंवला भारी, स्टेशन पर मिले सवारी।

रामनगर इक ग्राम बराबर, जिसको जाने सब नारी-नर।

चालीसे को ‘चन्द्र’ बनाए, हाथ जोड़कर शीश नवाए।

सोरठा

नित चालीसहिं बार, पाठ करे चालीस दिन।

खेय सुगंध अपार, अहिच्छत्र में आय के।

होय कुबेर समान, जन्म दरिद्री होय जो।

जिसके नहिं संतान, नाम वंश जग में चले।

पारसनाथ चालीसा कब और कैसे पढ़ना चाहिए?

पारसनाथ चालीसा को पढ़ने के लिए कोई खास नियम निर्धारित नहीं किया गया है। मगर आम तौर पर सम्मान के नजरिए से आपको पारसनाथ चालीसा सुबह-सुबह पढ़ना चाहिए।

इसके अलावा आपको पारसनाथ चालीसा नहा धोकर पूजा के दौरान पढ़ना चाहिए। बाबा पारसनाथ के दर्शन करने के दौरान और उनकी खास पूजा करने के दौरान भी पारसनाथ चालीसा का जाप किया जाता है।

आप एक दिन में जितने अधिक बार पारसनाथ चालीसा का जब करेंगे आपको उतना अधिक लाभ मिलेगा।

निष्कर्ष

आज इस लेख में हमने आपको Parasnath Chalisa Pdf के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दिया है जिसे पढ़कर आप आसानी से पारसनाथ चालीसा पीडीएफ प्राप्त कर सकते हैं और उसका इस्तेमाल अपनी सुविधा के अनुसार पूजा पाठ के दौरान कर सकते हैं।

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