Ganesh Chalisa Pdf – भगवान गणेश भगवान शंकर के बड़े बेटे है। उन्हें विघ्नहर्ता के नाम से जाना जाता है क्योंकि भगवान गणेश की पूजा करने पर आपके जीवन की सारी परेशानियां दूर हो जाती है। आज इस लेख में Ganesh Chalisa Pdf दिया गया है जिसे पढ़कर आप आसानी से भगवान गणेश की पूजा कर सकते हैं और अपने जीवन की सभी परेशानी को दूर कर सकते है।
भगवान गणेश को किसी भी शुभ कार्य के वक्त सबसे पहले पूजा जाता है। ऐसा माना जाता है कि किसी भी कार्य को शुरू करने से पहले भगवान गणेश का नाम लेने से वह कार्य सफलता से पूरा होता है और शुभ संकेत देता है। आप भगवान गणेश की पूजा के दौरान गणेश चालीसा पढ़ सकते हैं जिसे नीचे दिया गया है।
Book Name | Ganesh Chalisa Pdf |
Author | Not Known |
Publish Date | Not Known |
Language | Hindi/ Sanskrit |
Publication | Not Known |
Country | India |
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Ganesh Chalisa Pdf
गणेश चालीसा मैं आपको पढ़ेंगे की भगवान गणेश का चरित्र कैसा है और उनके जीवन से जुड़ी कुछ अन्य रोचक बातों को भी जानेंगे। शास्त्रों के अनुसार भगवान गणेश की पूजा के दौरान गणेश चालीसा पढ़ने से भगवान प्रसन्न होते हैं और आपको आशीर्वाद देते हैं।
भगवान गणेश की पूजा करने से आपके व्यवसाय और कार्यक्षेत्र में होने वाली सभी परेशानियां दूर हो जाती है। गणेश चालीसा रोजाना सुबह पढ़ने से भगवान गणेश खुश होते हैं और आपके घर में खुशखबरी की बरसात होती है।
Ganesh Chalisa Lyrics in Hindi
।। दोहा ।।
जय गणपति सदगुण सदन, कविवर बदन कृपाल ।
विघ्न हरण मंगल करण, जय जय गिरिजालाल ।।
।। चौपाई ।।
जय जय जय गणपति गणराजू । मंगल भरण करण शुभः काजू ।।
जै गजबदन सदन सुखदाता । विश्व विनायका बुद्धि विधाता ।।
वक्र तुण्ड शुची शुण्ड सुहावना । तिलक त्रिपुण्ड भाल मन भावन ।।
राजत मणि मुक्तन उर माला । स्वर्ण मुकुट शिर नयन विशाला ।।
पुस्तक पाणि कुठार त्रिशूलं । मोदक भोग सुगन्धित फूलं ।।
सुन्दर पीताम्बर तन साजित । चरण पादुका मुनि मन राजित ।।
धनि शिव सुवन षडानन भ्राता । गौरी लालन विश्व-विख्याता ।।
ऋद्धि-सिद्धि तव चंवर सुधारे । मुषक वाहन सोहत द्वारे ।।
कहौ जन्म शुभ कथा तुम्हारी । अति शुची पावन मंगलकारी ।।
एक समय गिरिराज कुमारी । पुत्र हेतु तप कीन्हा भारी ।।
भयो यज्ञ जब पूर्ण अनूपा । तब पहुंच्यो तुम धरी द्विज रूपा ।।
अतिथि जानी के गौरी सुखारी । बहुविधि सेवा करी तुम्हारी ।।
अति प्रसन्न हवै तुम वर दीन्हा । मातु पुत्र हित जो तप कीन्हा ।।
मिलहि पुत्र तुहि, बुद्धि विशाला । बिना गर्भ धारण यहि काला ।।
गणनायक गुण ज्ञान निधाना । पूजित प्रथम रूप भगवाना ।।
अस कही अन्तर्धान रूप हवै । पालना पर बालक स्वरूप हवै ।।
बनि शिशु रुदन जबहिं तुम ठाना । लखि मुख सुख नहिं गौरी समाना
सकल मगन, सुखमंगल गावहिं । नाभ ते सुरन, सुमन वर्षावहिं ।।
शम्भु, उमा, बहुदान लुटावहिं । सुर मुनिजन, सुत देखन आवहिं ।।
लखि अति आनन्द मंगल साजा । देखन भी आये शनि राजा ।।
निज अवगुण गुनि शनि मन माहीं । बालक, देखन चाहत नाहीं ।।
गिरिजा कछु मन भेद बढायो । उत्सव मोर, न शनि तुही भायो ।।
कहत लगे शनि, मन सकुचाई । का करिहौ, शिशु मोहि दिखाई ।।
नहिं विश्वास, उमा उर भयऊ । शनि सों बालक देखन कहयऊ ।।
पदतहिं शनि दृग कोण प्रकाशा । बालक सिर उड़ि गयो अकाशा ।।
गिरिजा गिरी विकल हवै धरणी । सो दुःख दशा गयो नहीं वरणी ।।
हाहाकार मच्यौ कैलाशा । शनि कीन्हों लखि सुत को नाशा ।।
तुरत गरुड़ चढ़ि विष्णु सिधायो । काटी चक्र सो गज सिर लाये ।।
बालक के धड़ ऊपर धारयो । प्राण मन्त्र पढ़ि शंकर डारयो ।।
नाम गणेश शम्भु तब कीन्हे । प्रथम पूज्य बुद्धि निधि, वर दीन्हे ।।
बुद्धि परीक्षा जब शिव कीन्हा । पृथ्वी कर प्रदक्षिणा लीन्हा ।।
चले षडानन, भरमि भुलाई । रचे बैठ तुम बुद्धि उपाई ।।
चरण मातु-पितु के धर लीन्हें । तिनके सात प्रदक्षिण कीन्हें ।।
धनि गणेश कही शिव हिये हरषे । नभ ते सुरन सुमन बहु बरसे ।।
तुम्हरी महिमा बुद्धि बड़ाई । शेष सहसमुख सके न गाई ।।
मैं मतिहीन मलीन दुखारी । करहूं कौन विधि विनय तुम्हारी ।।
भजत रामसुन्दर प्रभुदासा । जग प्रयाग, ककरा, दुर्वासा ।।
अब प्रभु दया दीना पर कीजै । अपनी शक्ति भक्ति कुछ दीजै ।।
।। दोहा ।।
श्री गणेशा यह चालीसा, पाठ करै कर ध्यान ।
नित नव मंगल गृह बसै, लहे जगत सन्मान ।।
सम्बन्ध अपने सहस्त्र दश, ऋषि पंचमी दिनेश ।
पूरण चालीसा भयो, मंगल मूर्ती गणेश ।।
गणेश चालीसा कैसे पढ़ना चाहिए?
गणेश चालीसा पढ़ने के लिए कोई भी खास समय निर्धारित नहीं किया गया है मगर बताया गया है कि सुबह-सुबह नहाकर भगवान की पूजा करने के दौरान गणेश चालीसा पढ़ना चाहिए।
आप भगवान गणेश की पूजा के अलावा शंकर की पूजा करने के दौरान भी गणेश चालीसा पढ़ सकते है। गणेश चालीसा का रोजाना जाप करने से आपके जीवन की परेशानी दूर होती है आप अपने घर में असीम शांति का अनुभव करते है। भगवान गणेश की पूजा गणेश चालीसा के साथ मुख्य रूप से किसी भी शुभ कार्य के दौरान करनी चाहिए। अगर आप कोई भी नई चीज शुरू कर रहे हैं तो गणेश चालीसा के साथ भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए। इसके अलावा आपको अपने व्यवसाय या कार्यक्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन के लिए भगवान गणेश की पूजा कर सकते हैं ताकि ज्ञान वृद्धि हो और आप अपने जीवन में सफलता प्राप्त कर सके।
निष्कर्ष
आज इस लेख में Ganesh Chalisa Pdf के बारे में जानकारी दी गई है जिसे पढ़कर आसानी से आप भगवान गणेश की पूजा कर सकते हैं गणेश चालीसा से आपका जीवन खुशहालियों से भर जाता है और भगवान गणेश आपसे खुश होते है।