हिंदी महाकवि मुंशी प्रेमचंद की सर्वोत्तम रचना में से एक है गोदान। गोदान उपन्यास में भारतीय सीमांत किसानों की जीवनी को खूबसूरती से निखार कर प्रस्तुत किया गया है। इस उपन्यास के माध्यम से मुंशी प्रेमचंद एक किसानो की मनोदशा और उन पर बीतने वाली स्थिति को लोगों के समक्ष दर्शाने का प्रयास करते हैं। प्रेमचंद द्वारा लिखे गए इस शानदार उपन्यास को 1936 AD में प्रकाशित किया गया है।
इस उपन्यास को मुंबई के जाने-माने कार्यालय रत्नाकर कार्यालय द्वारा प्रकाशित किया गया था। गोदान को कृषि जीवन का एक महाकाव्य भी माना जाता है। इस उपन्यास में ग्रामीण भारतीय समाज का विस्तार से चित्रण किया गया है। मुंशी प्रेमचंद द्वारा रचित पुस्तकों में गोदान को एक महत्वपूर्ण एवं सबसे प्रचलित उपन्यास माना जाता है। इस उपन्यास में कुल 328 पृष्ठ है। अगर आप Godaan summary और इसके PDF को डाउनलोड करना चाहते हैं तो इस आर्टिकल के माध्यम से कर सकते हैं।
Godan PDF Download in Hindi
Book Name | Godan |
Author | Premchand |
Publishing Year | 1936 |
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Godan Full PDF Download
प्रेमचंद द्वारा प्रस्तुत इस उपन्यास में मुख्य पात्र होरी और धनिया है। होरी एक साधारण छोटा सा किस है और धनिया उसकी पत्नी है। इस उपन्यास के माध्यम से कहानीकार ने भारतीय ग्रामीण समाज का ऐसा चित्र प्रस्तुत किया है जो या तो अब विलुप्त हो चुका है या फिर विलुप्त होने के रास्ते पर है।
प्रस्तुत उपन्यास में आप देखेंगे कि किस प्रकार प्रेमचंद जी ने भारतीय किसानों का संपूर्ण जीवन दिखाने का प्रयास किया है। इस कहानी के माध्यम से उन्होंने उनकी आकांक्षा और निराशा के साथ-साथ धर्म भी रुकता और भारत परायणता का सटीक उदाहरण प्रस्तुत किया है। केवल इतना ही नहीं प्रेमचंद जी ने स्वार्थ पड़ता और बैठक बाजी के साथ-साथ एक किसान की बेबसी और निरीक्षा का भी जीता जागता उदाहरण दिया है।
उपन्यास में आप महसूस करेंगे कि कैसे होरी अपने ही गांव के जमींदार, अध्यापक, मिल मालिक, पत्रसंपादक, डॉक्टर, राजनीतिक नेता आदि जैसे बड़े-बड़े औधे वाले लोगों से सताया और प्रताड़ित किया जा रहा है। इसके अलावा कैसे इस गांव के सज्जन और पुरोहित लोग हरी की सहायता कर रहे हैं यह भी कहानी में सुसम्मिलित किया गया है। गोदान उपन्यास पूर्ण रूप से ग्रामीण किसान के जीवन को दर्शाता है।
Godan Full Summary in Hindi
गोदान उपन्यास की कहानी इसके मुख्य किरदार होरी और धनिया के इर्द-गिर्द ही घूमती है। हरी एक छोटा सा अनपढ़ गांव का किसान है। इसकी पत्नी धनिया एक घरेलू महिला है। उनके बेटे का नाम गोबर है। इनकी दो बेटियां भी है जिनका नाम रूपा और सोना है। यह होरी का परिवार है।
होरी के पिताजी का देहांत हो चुका है एवं इसका एक छोटा भाई भी है। पिताजी के गुजर जाने के बाद होरी ने अपने भाई हीरा को जायदाद में से कुछ नहीं दिया है। इसी वजह से हीरा अपने बड़े भाई और उसके परिवार को पसंद नहीं करता है। होरी एक बहुत ही गरीब किसान है।
अचानक पैसों की जरूरत होने पर होरी मदद लेने गांव के सबसे बड़े जमींदार के पास जाता है। जमींदार मन का बहुत ही भला इंसान है। होरी जब जमींदार के घर जा रहा होता है इस समय वह अपने मित्र भोले से मिलता है। भोले की पत्नी की मृत्यु हो चुकी है और पैसे की आवश्यकता पड़ने पर वह अपनी गाय बेचना चाहता है। मात्र ₹80 में भोला एक बहुत अच्छी गाय बेचना चाहता है।
रास्ते चलते होरी अपने मित्र भोले से कहता है तुमने भी क्या नसीब पाया है तुम्हारे पास इतनी अच्छी गए हैं। इसके उत्तर में भोला नम आंखों से कहता है नसीब के तो तुम हो जिसके पास इतनी अच्छी पत्नी है। होरी को वह गाय लेने का मन होता है पर पैसे की कमी के कारण वह उसे खरीद नहीं पता है।
जब पैसों की मदद के लिए होरी जमींदार के पास पहुंचता है तब उसे पता चलता है गांव के किसानों पर टैक्स बढ़ा दिया गया है। होरी पहले से गरीब किसान है टैक्स बढ़ने की खबर मिलते ही उसकी छाती छलनी हो जाती है।
बातों बातों में होरी को पता चलता है की भोले के पास गाय को खिलाने के लिए चारा नहीं है। इसलिए वह अपना चारा भोला के पास बेचने जाता है जिससे कुछ पैसे कमा सके। होरी और उसका बेटा गोबर चारा देने भोला के घर जाते हैं। वहां गोबर भोला की बेटी से मिलता है जो बहुत कम उम्र में विधवा हो चुकी है।
वे दोनों एक दूसरे को पसंद करने लगते हैं और मिलने लगते हैं। गोबर और भोला की बेटी, झुनिया के एक दूसरे से मिलने की खबर किसी को नहीं होती है। भोला अपनी गए होरी को दे देता है और होरी उसे घर ले आता है।
घर पर नई गाय आने से सब लोग बहुत प्रसन्न है। पर होरी का भाई हीरा कहता है जो जायदाद के पैसे इन्होंने हमें नहीं दिए हैं उसी से यह गाय ली गई है। यह सुनकर होरी को बहुत दुख होता है और वह धनिया से गाय लौटने को कहकर खेत चला जाता है।
तभी धनिया पीछे से भागती हुई खेत में आती है और कहती है जल्दी घर चलो देखो क्या अनर्थ हो चला है। होरी के पूछने पर धनिया बताती है कि उसके बेटे गोबर ने भोला की बेटी झुनिया को गर्भवती कर दिया है।
यह खबर गांव घर में फैलते ही भोला अपनी बेटी को घर से निकाल देता है। पर होरी और धनिया उसे अपने घर में आश्रय देते हैं और उसे अपनी बहू का स्थान देते हैं। परंतु तब तक गोबर गांव छोड़कर फरार हो चुका होता है।
यह सब कुछ होते-होते अचानक गाय की मृत्यु हो जाती है। गाय की मृत्यु की खबर सुनते ही भोला गाय के पैसे मांगने चला आता है। पैसे ना होने के कारण होरी अपने दोनों बैल उसे दे देता है। इतने समय में गोबर के शहर से लौटने की खबर मिलती है।
गोबर को अब शहर में नौकरी मिल चुकी है और उसने एक घर भी ले लिया है। अब वह अपनी पत्नी झुनिया और अपने बेटे को लेकर शहर चला जाता है और अपने माता-पिता को यही गांव में छोड़ देता है।
होरी और धनिया के लिए बहुत विकट परिस्थिति आ जाती है। आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो जाने के कारण होरी आवश्यकता से अधिक काम कर करके बीमार हो जाता है। होरी सोते जागते बस एक गाय खरीदने का सपना देखता है।
होरी की आर्थिक स्थिति इतनी खराब है कि वह मुश्किल से दो वक्त का खाना जुटा पाता है। इसी परेशानी में उसकी तबीयत और बिगड़ती जाती है और धनिया उसे ज्यादा से ज्यादा आराम करने को कहती है। एक दिन सांझ के समय होरी की तबीयत बहुत ज्यादा खराब होने लगती है।
वह खेत से लौटते ही खटिया पकड़ लेता है। उसी सांझ होरी अपनी पत्नी धनिया से कहता है कि मैं हमेशा तुम्हारे लिए एक गाय लेना चाहता था जो ना ले सका। यहां तक कि वह पछतावा जाताता है कि जो भी पैसे उसने जुटाय हैं अब उसी के अंतिम संस्कार में खर्च हो जाएंगे। इसी चिंता और परेशानी के मारे होरी अपने प्राण त्याग देता है।