What is IPC Section 186? पुलिस पर हाथ उठाने से कौन-सी धारा लगती है?

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IPC Section 186 – सजा और जुर्माना क्या है?

पुलिस का काम लोक शांति कायम रखना और आम जनता की सुरक्षा करना होता है। इसके लिए वह अपराधियों को धर पकड़कर कानूनी प्रक्रिया द्वारा सजा दिलवाने का काम करती है। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि लोग सत्ता व धन के घमंड में ऐसे चूर रहते हैं कि हमारी रक्षक पुलिस वालों पर भी हाथ उठाने से बाज नहीं आते। 

इसके अलावा कभी-कभी अपराधी लोग अपनी मंशा को पूरा करने के लिए पुलिस पर हाथ उठा बैठते हैं। हम जानते हैं कि पुलिस पर हाथ उठाना एक बड़ा जुर्म ही नहीं बल्कि सामाजिक तौर पर एक निंदनीय कार्य भी है।

पुलिस पर हाथ उठाने पर कौन सी धारा लगती है? IPC Section 186 

क्या आप जानते हैं कि पुलिस पर हाथ उठाने पर भारतीय दंड संहिता की कौन-सी धारा लगती है? आज हम आपको अपने इस आर्टिकल के माध्यम से बताएंगे कि पुलिस पर हाथ उठाने से या पुलिस के साथ किस प्रकार का अपराधिक व्यवहार करने पर कौन-कौन सी धारा लगती है और उसकी सजा क्या है?

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ऐसा देखा गया है कि लोग पुलिस के साथ कई तरह के अमानवीय हरकत कर बैठते हैं। तो आइए, जानते हैं कि पुलिस के साथ किस प्रकार का गलत आचरण करने से कौन सा दंड देने का विधान है।

पुलिस को भयमुक्त होकर कार्य करने के लिए भारतीय दंड संहिता में अनेकों प्रकार के प्रावधान वर्णित है ताकि पुलिस स्वतंत्र रूप से निष्पक्ष कार्य कर सकें। भारतीय दंड संहिता में ऐसी अनेकों धाराएं हैं, जिसमें पुलिस को अपने कर्तव्यों के प्रति संरक्षण प्राप्त है।

IPC Section186 का प्रावधान

IPC Section 186

 जब कोई पुलिसकर्मी अपने कार्य पर तैनात है और ऑन ड्यूटी पुलिसवाले पर कोई हाथ उठाता है तो उसके विरुद्ध भारतीय दंड संहिता (Indian penal code) यानी आईपीसी186 की धारा 186 के तहत कार्रवाई की जाएगी। 

आईपीसी की धारा 186 अनुसार जो कोई किसी सरकारी कर्मचारी के सरकारी कार्यों के पालन में जानबूझकर बाधा डालेगा, वह कारावास से, जिसकी अवधि 3 मास तक की हो सकेगी या जुर्माने से, जो ₹500 तक का हो सकेगा या दोनों से दंडित किया जाएगा।

इसके अलावा ऑन ड्यूटी पुलिस पर हाथ उठाने वाले के विरुद्ध आईपीसी की धारा 332 के तहत कार्रवाई कर सजा दिलवाई जा सकती है।

IPC धारा 332 क्या है?

आईपीसी की धारा 332 – जो कोई किसी ऐसे व्यक्ति को जो सरकारी कर्मचारी हो, उस समय जब वह अपने कार्य का पालन कर रहा हो अथवा इस विचार से कि उस व्यक्ति को उसके अपने कार्य के पालन से दूर करना या भय पैदा करना अथवा वैसे सरकारी कर्मचारी के नाते उस व्यक्ति द्वारा अपने कार्य के कानूनी ढंग से पालन में की गई या किए जाने के लिए किसी बात के चलते जानबूझकर चोट पहुंचाता है तो वह कारावास से, जिसकी अवधि 3 वर्ष तक की हो सकेगी या जुर्माने से या दोनों से दंडित किया जाएगा।

पुलिस कर्मी को ऑन ड्यूटी अपमानित करने से क्या होता है

 यदि आप किसी पुलिस वाले को अपमानित करते हैं और उससे लोक शांति भंग होती है तो आपके विरुद्ध धारा 504 के तहत कार्रवाई की जाएगी। आइए देखते हैं कि धारा 504 क्या कहती है।

आईपीसी की धारा 504 – जो कोई किसी व्यक्ति को अपमानित करेगा और उस व्यक्ति को इस आशय से, यह जानते हुए, प्रकोपित करेगा कि ऐसे प्रकोपन से वह लोक शांति भंग या कोई अन्य अपराध कारित करेगा, वह करवास से जिसकी अवधि 2 वर्ष तक हो सकेगी या जुर्माने से या दोनों से दंडित किया जाएगा।

IPC की धारा 506 का अपराध

यदि आप किसी पुलिस वाले को धमकी देते हैं तो आप IPC की धारा 506 का अपराध करते हैं। आईपीसी की धारा 506 के अनुसार जो कोई आपराधिक धमकी का अपराध करेगा, वह कारावास से, जिसकी अवधि 2 वर्ष तक की हो सकेगी या जुर्माने से या दोनों से दंडित किया जाएगा।

यदि धमकी मृत्यु या गंभीर चोट कारित करने की या अग्नि द्वारा किसी संपत्ति का नाश करने की या मृत्युदंड या आजीवन कारावास से दंडनीय अपराध कारित करने के लिए या 7 वर्ष तक की अवधि के करवास से दंडनीय अपराध कारित करने के लिए या किसी स्त्री पर अस्तित्व का लांछन लगाने की हो तो वह करावास से जिसकी अवधि 7 वर्ष तक हो सकेगी या जुर्माने से या दोनों से दंडित किया जाएगा।

यदि आप पुलिस को भय दिखाकर बलपूर्वक कुछ प्राप्त करते हैं या जोर जबरदस्ती वसूली करते हैं तो आप आईपीसी की धारा 384 एवं 386 का अपराधी होंगे। 

आईपीसी की धारा 384 के अनुसार जो कोई उद्यापन (बलात प्राप्ति) करेगा, वह कारावास से, जिसकी अवधि 3 वर्ष तक हो सकेगी, जुर्माने से या दोनों से दंडित किया जाएगा।

आईपीसी की धारा 386 कहता है कि जो कोई किसी व्यक्ति को स्वयं उसकी या किसी अन्य व्यक्ति की मृत्यु या गंभीर चोट के भय में डालकर जबरदस्ती वसूली करेगा, वह कारावास से जिसकी अवधि 10 वर्ष तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी दंडित किया जाएगा।

पुलिस वालों के साथ छल कपट करने पर कौन सी धारा लगती है?

यदि आप पुलिस वालों के साथ छल कपट करते हैं तो आप के विरुद्ध आईपीसी की धारा 420 के तहत कार्रवाई की जाएगी।

आईपीसी की धारा 420 में वर्णित है कि जो कोई छल करेगा और उसके द्वारा उस व्यक्ति को जिसे धोखा दिया गया है, बेईमानी से उकसायेगा कि वह कोई संपत्ति किसी को प्रदान कर दें या किसी भी मूल्यवान दस्तावेज को या किसी चीज को, जो मूल्यवान दस्तावेज में बदले जाने योग्य है, परिवर्तित कर दे या नष्ट कर दे तो वह कारावास से जिसकी अवधि 7 वर्ष तक हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और  जुर्माने से भी दंडनीय होगा।

FAQ 

Q.1 Police का full form क्या है?

Ans. Police का full form होता है protection of life in civil establishment.

Q.2 पुलिस पर हाथ उठाने से कौन-सी धारा लगती है?

Ans. पुलिस पर हाथ उठाने से भादवी 1860 की धारा 186 लगती है।

Q.3. क्या पुलिस पर हाथ उठाया जा सकता है?

Ans. सामान्य तौर पर पुलिस पर हाथ उठाना अपराध है और पुलिस पर हाथ उठाने वाले के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। लेकिन कुछ विशेष परिस्थितियों जैसे आत्मरक्षा के अधिकार में अपने जान-माल की बचाव हेतु आईपीसी की धारा 99 को ध्यान में रखते हुए,पुलिस पर हाथ उठाया जा सकता है।

Q.4 पुलिस को मर्डर करने की धमकी देने पर कौन-सी धारा लगती है?

Ans. पुलिस को मर्डर करने की धमकी देने पर आईपीसी की धारा 506 लगती है।

निष्कर्ष

दोस्तों, इस पोस्ट में आप ने जाना कि पुलिस पर हाथ उठाने से कौन-सी धारा लगती है और साथ ही साथ आप यह भी जान गए होंगे कि पुलिस के साथ कौन-सा गलत बर्ताव करने से उसकी सजा क्या होती है। उम्मीद करते हैं कि यह पोस्ट आपको पसंद आई होगी। इस पोस्ट के संबंध में आप कमेंट कर अपनी प्रतिक्रिया भेज सकते हैं।

 

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