Parvati Chalisa Pdf

Parvati Chalisa Pdf in Hindi | पार्वती चालीसा

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Parvati Chalisa Pdf

Parvati Chalisa Pdf – भक्ति और प्रेम की देवी मां पार्वती के लिए यह चालीसा लिखी गई है जिसे पढ़कर आप मां पार्वती को खुश कर सकते हैं और अपने जीवन में प्रेम की एक असीम कृपा प्राप्त कर सकते है। मां पार्वती को हम भगवान शंकर की अर्धांगिनी के रूप में जानते हैं उनके अलग-अलग स्वरूप है। मगर मां पार्वती स्वरूप की पूजा भक्ति और प्रेम के लिए की जाती है। अगर आप Parvati Chalisa Pdf ढूंढ रहे हैं तो आजकल एक आपकी नीचे से अच्छे तरीके से बताया गया है।

यह चालीसा पढ़ कर आप घर में सुख शांति और समृद्धि प्राप्त कर सकते है। भगवान शंकर और मां पार्वती की पूजा के दौरान पार्वती चालीसा पढ़ा जाता है। इस चालीसा को रोजाना पढ़ने से भगवान खुश होते हैं और आपकी सारी मनोकामना पूरी होती है। पार्वती चालीसा पीडीएफ कब पढ़ना चाहिए और कैसे पढ़ना चाहिए इसके बारे में भी नीचे बताया गया है।

Parvati Chalisa PdfOverview

Name of PostParvati Chalisa Pdf
AuthorNot Known
Publish YearNot Known
LanguageSanskrit/ Hindi
Pages4
Downloads768

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Parvati Chalisa Pdf

पार्वती चालीसा घर में सुख शांति और समृद्धि के लिए पढ़ा जाता है। अगर आपका वैवाहिक जीवन या प्रेम में किसी प्रकार की रुकावट आ रही है तो मां पार्वती की कृपा से आपकी प्रेम परेशानियां दूर हो सकती है।

हम सब जानते हैं भगवान शंकर से प्रेम करने के बाद उन्होंने कड़ी तपस्या करके अपना प्रेम सफल किया था। आज मां पार्वती को हम प्रेम और भक्ति की देवी के रूप में जानते हैं अगर आप अपने जीवन में सुख शांति समृद्धि और प्रेम की कृपा पाना चाहते हैं तो आपको मां पार्वती की पूजा के दौरान पार्वती चालीसा पढ़ना चाहिए।

Parvati Chalisa Lyrics in Hindi

॥ दोहा ॥

जय गिरी तनये दक्षजे शम्भू प्रिये गुणखानि ।

गणपति जननी पार्वती, अम्बे, शक्ति, भवानि ॥

॥ चौपाई ॥

ब्रह्मा भेद न तुम्हरे पावे,

पंच बदन नित तुमको ध्यावे ।

षड्मुख कहि न सकत यश तेरो,

सहसबदन श्रम करत घनेरो । ।

तेरो पार न पावत माता,

स्थित रक्षा लय हित सजाता ।

अधर प्रवाल सदृश अरुणारे,

अति कमनीय नयन कजरारे । ।

ललित लालट विलेपित केशर,

कुंकुंम अक्षत शोभा मनोहर ।

कनक बसन कञ्चुकि सजाये,

कटी मेखला दिव्य लहराए । ।

कंठ मदार हार की शोभा,

जाहि देखि सहजहि मन लोभ ।

बालारुण अनंत छवि धारी,

आभूषण की शोभा प्यारी । ।

नाना रत्न जड़ित सिंहासन,

तापर राजित हरी चतुरानन ।

इन्द्रादिक परिवार पूजित,

जग मृग नाग यक्ष रव कूजित । ।

गिर कैलाश निवासिनी जय जय,

कोटिकप्रभा विकासिनी जय जय ।

त्रिभुवन सकल, कुटुंब तिहारी,

अणु अणु महं तुम्हारी उजियारी । ।

हैं महेश प्राणेश, तुम्हारे,

त्रिभुवन के जो नित रखवारे ।

उनसो पति तुम प्राप्त कीन्ह जब,

सुकृत पुरातन उदित भए तब । ।

बुढा बैल सवारी जिनकी,

महिमा का गावे कोउ तिनकी ।

सदा श्मशान विहरी शंकर,

आभूषण हैं भुजंग भयंकर । ।

कंठ हलाहल को छवि छायी,

नीलकंठ की पदवी पायी ।

देव मगन के हित अस किन्हों,

विष लै आपु तिनहि अमि दिन्हो । ।

ताकी, तुम पत्नी छवि धारिणी,

दुरित विदारिणी मंगल कारिणी ।

देखि परम सौंदर्य तिहारो,

त्रिभुवन चकित बनावन हारो । ।

भय भीता सो माता गंगा,

लज्जा मय है सलिल तरंगा ।

सौत सामान शम्भू पहआयी,

विष्णु पदाब्ज छोड़ि सो धायी । ।

तेहि कों कमल बदन मुर्झायो,

लखी सत्वर शिव शीश चढायो ।

नित्यानंद करी वरदायिनी,

अभय भक्त कर नित अनपायिनी । ।

अखिल पाप त्रय्ताप निकन्दनी ,

माहेश्वरी ,हिमालय नन्दिनी ।

काशी पूरी सदा मन भायी,

सिद्ध पीठ तेहि आपु बनायीं । ।

भगवती प्रतिदिन भिक्षा दात्री,

कृपा प्रमोद सनेह विधात्री ।

रिपुक्षय कारिणी जय जय अम्बे,

वाचा सिद्ध करी अवलम्बे । ।

गौरी उमा शंकरी काली,

अन्नपूर्णा जग प्रतिपाली ।

सब जन की ईश्वरी भगवती,

पतप्राणा परमेश्वरी सती । ।

तुमने कठिन तपस्या किणी,

नारद सो जब शिक्षा लीनी ।

अन्न न नीर न वायु अहारा,

अस्थि मात्रतन भयउ तुम्हारा । ।

पत्र घास को खाद्या न भायउ,

उमा नाम तब तुमने पायउ ।

तप बिलोकी ऋषि सात पधारे,

लगे डिगावन डिगी न हारे । ।

तव तव जय जय जयउच्चारेउ,

सप्तऋषि, निज गेह सिद्धारेउ ।

सुर विधि विष्णु पास तब आए,

वर देने के वचन सुनाए । ।

मांगे उमा वर पति तुम तिनसो,

चाहत जग त्रिभुवन निधि, जिनसों ।

एवमस्तु कही ते दोऊ गए,

सुफल मनोरथ तुमने लए । ।

करि विवाह शिव सों हे भामा,

पुनः कहाई हर की बामा ।

जो पढ़िहै जन यह चालीसा,

धन जनसुख देइहै तेहि ईसा । ।

॥ दोहा ॥

कूट चन्द्रिका सुभग शिर जयति सुख खानी ।

पार्वती निज भक्त हित रहहु सदा वरदानी ।

पार्वती चालीसा कब पढ़ना चाहिए?

मां पार्वती की चालीसा आप कभी भी पढ़ सकते हैं इसके लिए कोई खास नियम और दिन नहीं रखा गया है मगर इसे पढ़ने की प्रक्रिया को नीचे सूचीबद्ध किया गया है – 

  • मां पार्वती की चालीसा आप पार्वती देवी की पूजा के दौरान पढ़ सकते हैं।
  • इसे सुबह-सुबह पूजा के दौरान पढ़ना चाहिए।
  • इसे पढ़ते वक्त मां पार्वती को सफेद कपड़ा लगाए और मां पार्वती की आरती के दौरान भी आप इस चालीसा का जाप कर सकते है।
  • मां पार्वती और भगवान शंकर की पूजा के दौरान या उनकी आरती के दौरान पार्वती चालीसा का जाप किया जाता है।

पार्वती चालीसा पढ़ने के फायदे

अगर आप पार्वती चालीसा पढ़ते है तो आपको अलग-अलग प्रकार का फायदा होता है घर में असीम शांति बनी रहती है।

  • इस चालीसा के रोजाना जब से आपके जीवन में प्रेम आता है आप जिस लड़की से प्यार करते हैं वह आपके जीवन में वापस आ जाएगी इसके अलावा अगर आप किसी पुरुष से प्यार करते हैं तो वह भी आपके जीवन में वापस आएगा। 
  • रोजाना पार्वती चालीसा पढ़ने से आपके घर में सुख समृद्धि आती है।
  • पार्वती चालीसा पढ़ने से आपका वैवाहिक जीवन अच्छा होता है और प्रेम संबंध सुधारते है।
  • पार्वती चालीसा आपके जीवन में सफल होने का कारण देता है और आपके जीवन को खूबसूरत तरीके से संवरता है।
  • रोजाना पार्वती चालीसा पढ़ने से मां पार्वती की कृपा बनी रहती है और आपकी सारी मनोकामना पूरी होती है।

निष्कर्ष

इस लेख में Parvati Chalisa Pdf के बारे में बताया गया है जिसे पढ़कर आप आसानी से मां पार्वती को प्रसन्न कर सकते हैं और अपने जीवन में प्रेम की सुख सुविधा प्राप्त कर सकते है। इस खूबसूरत जीवन में आप कैसे खुद को सफल बन सकते है और मां पार्वती का आर्शीवाद ले सकते है, इसके बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी इस लेख में दी गई है।  

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