Ram Chalisa Pdf

Ram Chalisa Pdf | राम चालीसा पढ़ें

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Ram Chalisa Pdf

Ram Chalisa Pdf – राम चालीसा का जाप रोजाना करना चाहिए, इससे आपके घर में सुख शांति का वास होता है भगवान नारायण की कृपा मिलती है और आपकी सारी मनोकामना पूरी होती है। आप अपने घर में भगवान राम को स्थापित करना चाहते हैं तो आपको Ram Chalisa Pdf का जाप अच्छे से करना चाहिए। 

भगवान राम हिंदू धर्म के सबसे आराध्य देवता माने जाते हैं उनकी पूजा करने से घर में सुख शांति बनी रहती है। राम चालीसा पीडीएफ नीचे दिया गया है आप उसे रोजाना पूजा के दौरान पढ़ सकते हैं और अपने घर में एक खुशनुमा माहौल महसूस कर सकते है। अगर रोजाना भगवान राम की आरती परिवार के साथ करना चाहते हैं तो नीचे दिए गए Ram Chalisa Pdf Dowload बटन पर क्लिक करके इसे डाउनलोड करें।

Name of PostRam Chalisa PDF Download
AuthorNot Known
Published YearNot Known
LanguageHindi/ Sanskrit
PublicationNot Known
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Ram Chalisa Pdf

राम चालीसा भगवान राम के व्यक्तित्व और उनके जीवन का परिचय देता है। यह न केवल घर में सुख शांति समृद्धि और अच्छा माहौल लाता है बल्कि बच्चों को भी भगवान राम से प्रेरणा मिलती है।

राम चालीसा का रोजाना जाप करने से आपको घर में सुख शांति और समृद्धि मिलती है। इस चालीसा का जाप करने से आप अपने जीवन में तरक्की प्राप्त कर पाते है। भगवान राम चालीसा आपको रोजाना पढ़ना चाहिए मगर यह चालीसा कैसे पढ़ना चाहिए और इससे आपको क्या लाभ मिलता है इसके बारे में नीचे जानकारी दी गई है।

Ram Chalisa Lyrics in Hindi

|| श्री राम चालीसा ||

श्री रघुवीर भक्त हितकारी |

सुन लीजै प्रभु अरज हमारी | |

निशि दिन ध्यान धरै जो कोई |

ता सम भक्त और नहिं होई | |

ध्यान धरे शिवजी मन माहीं |

ब्रह्मा इन्द्र पार नहिं पाहीं | |

दूत तुम्हार वीर हनुमाना |

जासु प्रभाव तिहूं पुर जाना | |

तब भुज दण्ड प्रचण्ड कृपाला |

रावण मारि सुरन प्रतिपाला | |

तुम अनाथ के नाथ गोसाईं |

दीनन के हो सदा सहाई | |

ब्रह्मादिक तव पार न पावैं |

सदा ईश तुम्हरो यश गावैं | |

चारिउ वेद भरत हैं साखी |

तुम भक्तन की लज्जा राखी | |

गुण गावत शारद मन माहीं |

सुरपति ताको पार न पाहीं | |

नाम तुम्हार लेत जो कोई |

ता सम धन्य और नहिं होई | |

राम नाम है अपरम्पारा |

चारिहु वेदन जाहि पुकारा | |

गणपति नाम तुम्हारो लीन्हो |

तिनको प्रथम पूज्य तुम कीन्हो | |

शेष रटत नित नाम तुम्हारा |

महि को भार शीश पर धारा | |

फूल समान रहत सो भारा |

पाव न कोऊ तुम्हरो पारा | |

भरत नाम तुम्हरो उर धारो |

तासों कबहुं न रण में हारो | |

नाम शत्रुहन हृदय प्रकाशा |

सुमिरत होत शत्रु कर नाशा | |

लखन तुम्हारे आज्ञाकारी |

सदा करत सन्तन रखवारी | |

ताते रण जीते नहिं कोई |

युद्घ जुरे यमहूं किन होई | |

महालक्ष्मी धर अवतारा |

सब विधि करत पाप को छारा | |

सीता राम पुनीता गायो |

भुवनेश्वरी प्रभाव दिखायो | |

घट सों प्रकट भई सो आई |

जाको देखत चन्द्र लजाई | |

सो तुमरे नित पांव पलोटत |

नवो निद्घि चरणन में लोटत | |

सिद्घि अठारह मंगलकारी |

सो तुम पर जावै बलिहारी | |

औरहु जो अनेक प्रभुताई |

सो सीतापति तुमहिं बनाई | |

इच्छा ते कोटिन संसारा |

रचत न लागत पल की वारा | |

जो तुम्हे चरणन चित लावै |

ताकी मुक्ति अवसि हो जावै | |

जय जय जय प्रभु ज्योति स्वरूपा |

निर्गुण ब्रह्म अखण्ड अनूपा | |

सत्य सत्य व्रत स्वामी |

सत्य सनातन अन्तर्यामी | |

सत्य भजन तुम्हरो जो गावै |

सो निश्चय चारों फल पावै | |

सत्य शपथ गौरीपति कीन्हीं |

तुमने भक्तिहिं सब विधि दीन्हीं | |

सुनहु राम तुम तात हमारे |

तुमहिं भरत कुल पूज्य प्रचारे | |

तुमहिं देव कुल देव हमारे |

तुम गुरु देव प्राण के प्यारे | |

जो कुछ हो सो तुम ही राजा |

जय जय जय प्रभु राखो लाजा | |

राम आत्मा पोषण हारे |

जय जय जय दशरथ दुलारे | |

ज्ञान हृदय दो ज्ञान स्वरूपा |

नमो नमो जय जगपति भूपा | |

धन्य धन्य तुम धन्य प्रतापा |

नाम तुम्हार हरत संतापा | |

सत्य शुद्घ देवन मुख गाया |

बजी दुन्दुभी शंख बजाया | |

सत्य सत्य तुम सत्य सनातन |

तुम ही हो हमरे तन मन धन | |

याको पाठ करे जो कोई |

ज्ञान प्रकट ताके उर होई | |

आवागमन मिटै तिहि केरा |

सत्य वचन माने शिव मेरा | |

और आस मन में जो होई |

मनवांछित फल पावे सोई | |

तीनहुं काल ध्यान जो ल्यावै |

तुलसी दल अरु फूल चढ़ावै | |

साग पत्र सो भोग लगावै |

सो नर सकल सिद्घता पावै | |

अन्त समय रघुवर पुर जाई |

जहां जन्म हरि भक्त कहाई | |

श्री हरिदास कहै अरु गावै |

सो बैकुण्ठ धाम को पावै | |

| | दोहा | |

सात दिवस जो नेम कर,

पाठ करे चित लाय |

हरिदास हरि कृपा से,

अवसि भक्ति को पाय | |

राम चालीसा जो पढ़े,

राम चरण चित लाय |

जो इच्छा मन में करै,

सकल सिद्घ हो जाय | |

राम चालीसा कैसे पढ़ना चाहिए?

हिंदू धर्म में भगवान राम सबसे आराध्य देवता माने जाते हैं उनकी पूजा रोजाना करने से घर में खुशहाली का माहौल होता है। घर से अखिलेश खत्म हो जाता है आपका जीवन सुधरता है और आप एक खूबसूरत जीवन जीते हैं।

  • राम चालीसा का जाट रोजाना सुबह-सुबह करना चाहिए या फिर शाम की आरती के दौरान करना चाहिए।
  • राम चालीसा को पूरे परिवार के साथ पढ़ना चाहिए और इसकी आरती करनी चाहिए।
  • राम चालीसा का जाप रोजाना करना चाहिए इसे भगवान की आरती के दौरान या आरती के बाद पढ़ना चाहिए।
  • आप रामनवमी के दिन इसे दीप जलाकर भी पढ़ सकते है, इसके अलावा इसे पढ़ने की खास प्रक्रिया निर्धारित नहीं की गई है।

राम चालीसा पढ़ने के फायदे

  • अगर आप Ram Chalisa Pdf रोजाना पढ़ते हैं तो आपके घर से क्लेश दूर रहेगा और घर में खुशहाली का माहौल रहेगा।
  • राम चालीसा पढ़ने से जीवन में सुख शांति और समृद्धि मिलती है।
  • इस चालीसा का रोजाना जाप करना चाहिए इससे आपको जीवन में सफलता मिलती है।

निष्कर्ष

इस लेख में Ram Chalisa Pdf के बारे में बताया गया है जिसे पढ़कर आप आसानी से भगवान राम की आराधना कर सकते हैं और उन्हें खुश करके अपने जीवन में सुख शांति और समृद्धि का वास कर सकते है। पूरे परिवार के साथ रोजाना राम चालीसा का जाप करना चाहिए और भगवान राम की कृपा अपने परिवार पर बनाए रखनी चाहिए।

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