Gangasagar Mela 2023 – गंगासागर का मेला हर साल जनवरी के महीने में आयोजित किया जाता है। हिंदुओं के लिए कुंभ मेले के बाद गंगासागर का स्थान है। यह एक बहुत पवित्र तीर्थ है जिसके लिए कहा जाता है कि बाकी तीर्थ बार बार और गंगासागर एक बार।
अगर आप भी गंगासागर मेला 2023 कैसे जाएं के बारे में जानना चाहते है तो आज का लेख आपके लिए लिखा गया है। यह एक बहुत ही खूबसूरत मेला है जिसे देखने के लिए लाखों लोगों की भीड़ हर साल आती है। गंगासागर में आपको कपिल मुनि आश्रम, मंदिर, नागा साधु, और हिंदू धर्म के सबसे पवित्र स्नान को देखने का अवसर मिलेगा।
गंगासागर क्या है और कहां है | Gangasagar Mela 2023
गंगासागर बंगाल की खाड़ी में कोलकाता से लगभग 90 किलोमीटर दक्षिण में एक द्वीप (टापू) है जो चारों तरफ से समुंद्र से घिरा है। गंगा नदी का इसी स्थान पर सागर से मिलन होता है। गंगासागर हिंदुओं का एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है जो द्वीप के दक्षिणी छोर पर सागर से सटा हुआ भाग है। यह द्वीप सुंदर वन डेल्टा का एक हिस्सा है जो टाइगर रिजर्व के लिए प्रसिद्ध है।
यह द्वीप भारत सरकार के अधिकार क्षेत्र तथा पश्चिम बंगाल सरकार के नियंत्रण में है। यहां हर साल मकर सक्रांति के दिन हिंदुओं का बहुत बड़ा धार्मिक मेला लगता है। हिंदू धर्म के अनुसार ऐसी मान्यता है कि गंगासागर में मकर सक्रांति के शुभ मुहूर्त में स्नान करने और दान देने से मोक्ष और स्वर्ग की प्राप्ति होती है।
गंगासागर मेला कब लगता है?
हिंदू धर्म के कुछ सबसे महत्वपूर्ण तीर्थ स्थानों में एक तीर्थ गंगासागर को माना जाता है। गंगासागर का मेला हर साल जनवरी के महीने में लगता है। इस साल Gangasagar Mela 2023 – 10 जनवरी से 17 जनवरी के लिए आयोजित किया गया है।
हर साल लाखों लोग गंगासागर मेला देखने के लिए आते है। गंगासागर का मेला कोलकाता शहर में बंगाल की खाड़ी में एक द्वीप पर लगता है। जैसा कि हमने आपको बताया गंगासागर कोलकाता शहर से 90 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। गंगासागर का मेला एक टापू पर लगता है जहां आप बोट से जा सकते है।
गंगासागर कैसे जाएं? | Gangasagar Mela 2023 Kaise Jaye
आप देश के किसी भी कोने से है यदि आपको गंगासागर का दर्शन करना है तो आपको कोलकाता आना होगा। गंगासागर जाने के लिए आपके पास तीन ऑप्शन है। पहला सड़क मार्ग, दूसरा ट्रेन एवं तीसरा क्रूज या स्टीमर द्वारा।
Road Se Gangasagar Kaise Jaye –
आप देश के किसी भी हिस्से से आ रहे है, तो आप या तो हावड़ा आएंगे या सियालदह आएंगे या शालीमार आएंगे। हावड़ा, सियालदह या शालीमार आने के बाद आपको बस या टैक्सी द्वारा धर्मतल्ला जाना होगा। धर्मतल्ला बस स्टैंड से डायरेक्ट काकद्विप की बस मिलती है।
धर्मतल्ला से काकद्वीप (90 किलोमीटर) का बस भाड़ा लगभग ₹200 से ₹250 है। काकद्वीप से ऑटो पकड़ कर आपको 3.5 किलोमीटर दूरी पर स्थित हारवुड प्वाइंट जेटी जाना होगा।
चूंकि गंगासागर द्वीप चारों तरफ से समुद्र से घिरा हुआ है। अतः आप को जेटी से जहाज (Ship) द्वारा 4 किलोमीटर की दूरी तय करके कुचूबेड़िया घाट जाना पड़ेगा। जहाज (Ship) का भाड़ा ₹10 प्रति व्यक्ति है और इसे पार करने में समय लगभग 30 से 40 मिनट लगता है। कुचूबेड़िया से गंगासागर की दूरी महज 30 किलोमीटर है। इस दूरी को आप बस या ऑटो द्वारा तय कर सकते हैं जिसके लिए किराया ₹50- 60 देना होगा। इस तरह आप पहुंच गए गंगासागर।
Train Se Gangasagar Kaise Jaye –
कोलकाता से गंगासागर जाने के लिए ट्रेन सबसे सुगम व सस्ता साधन है। चूंकि गंगासागर चारों तरफ से समुद्र से घिरा है इसलिए गंगासागर जाने के लिए कोई डायरेक्ट ट्रेन नहीं है। गंगासागर जाने के लिए सबसे नजदीक का रेलवे स्टेशन काकद्वीप है। सियालदह से काकद्वीप के लिए डायरेक्ट लोकल ट्रेन चलती है जिसकी दूरी 95 किलोमीटर है।
आप हावड़ा आए है या शालीमार,आपको गंगासागर के लिए ट्रेन पकड़ना है तो आपको सियालदह रेलवे स्टेशन जाना होगा। सियालदह रेलवे स्टेशन से लोकल ट्रेन पकड़ कर काकद्वीप चले जाइए और वहां से ऑटो पकड़ कर हारवूड प्वाइंट जेटी जाइए। जेटी से लंच (Ship) द्वारा कुचूबेड़िया घाट जाना होगा और कुचूबेड़िया घाट से बस या ऑटो पकड़कर पहुंच जाइए गंगासागर।
Cruze Se Gangasagar Kaise Jaye –
अगर आप गंगासागर का सफर क्रूज से करना चाहते है तो आपको हावड़ा ब्रिज पार करके मिलेनियम पार्क जेट्टी जाना होगा जहां से गंगासागर तीर्थ जाने के लिए क्रूज की सुविधा उपलब्ध है। हम जानते हैं कि गंगा नदी को पश्चिम बंगाल में हुबली के नाम से जाना जाता है और यह नदी जहां सागर में मिलती है वही गंगासागर कहलाता है। मिलेनियम पार्क से क्रूज हुगली नदी होते हुए गंगासागर को जाता है जिसके लिए आपको किराया के तौर पर ₹1200 – 1400 लगेंगे। आपके लिए यह महंगा साधन होगा और हर समय क्रूज उपलब्ध नहीं है।
गंगासागर कब जाना चाहिए?
जनवरी का महीना गंगासागर जाने के लिए सबसे उत्तम समय है और इसी महीने में यहां सबसे ज्यादा पर्यटक आते है। जनवरी में मकर सक्रांति के समय यहां मेला लगता है जिसका कुंभ मेला के बाद दूसरा स्थान है। उस समय यहां लाखों की भीड़ लगी रहती है। गंगासागर जाने के लिए सर्दी का मौसम सबसे बढ़िया है। इसके लिए आप अक्टूबर महीना से फरवरी महीना तक कभी भी जा सकते है।
गंगासागर मुख्य रूप से गंगासागर मेले के वजह से जाना जाता है। यह मेला हर साल जनवरी के महीने में आयोजित किया जाता है। अगर सटीक समय की बात करें तो सुबह से मेले में भीड़ शुरू हो जाती है मगर घूमने के इरादे से आप 10:00 बजे सुबह से शाम के 6:00 बजे तक घूम सकते है। इसके अलावा ठंडी के मौसम में चारों तरफ धुंध और उसमे बोट से उसका सफर आपके चेहरे पर बड़ी सी मुस्कुराहट लाने के लिए काफी है। इसलिए आपको ठंड के मौसम में गंगासागर जरूर जाना चाहिए।
गंगासागर में क्या देखने को मिलेगा? | Gangasagar Me Kya Hai
मोक्ष ही लक्ष्य है। गंगासागर हिंदुओं का आस्था का पवित्र स्थल है। ऐसा मानना है कि गंगासागर का तीर्थ एक बार और तीर्थों के बारंबार के बराबर होता है।
फिर भी आप गंगासागर भ्रमण करते वक्त बहुत कुछ देख सकते है। जैसे –
- सबसे पहले आप गंगासागर जाते समय जहाज (Ship) का आनंद लेंगे ।
- गंगासागर पहुंचने पर आपको सागर में पवित्र स्नान करने का मौका मिलेगा। जहां आप समुंद्री इलाका का लुत्फ उठा सकते हैं।
- आप को महान ऋषि कपिल मुनि का आश्रम और मंदिर देखने को मिलेगा।
- गंगासागर में कुंभ के बाद दूसरा सबसे बड़ा मेला लगता है जहां आप घूम सकते है।
- गंगासागर में नागा साधुओं का दर्शन कर आशीर्वाद पा सकते हैं।
- यहां दान करने से सबसे ज्यादा पुण्य मिलता है जो आप कर सकते हैं।
- यहां या प्राकृतिक नजारा और कृत्रिम नजारा दोनों तरह का फोटो शूट कर सकते हैं।
- आप गंगा और सागर का मिलन देख सकते हैं।
गंगासागर में ठहरने की व्यवस्था
गंगासागर में तीर्थ यात्रियों को ठहरने के लिए कपिल मुनि आश्रम ट्रस्ट द्वारा आयोजित धर्मशाला उपलब्ध है। जो आपको ₹300 से ₹400 में मिल जाएंगे। वैसे तो मकर सक्रांति के समय मेले के दौरान कई तरह के तत्कालिक व्यवस्था किए जाते है जहां आप आसानी से रह सकते हैं। यदि आप बाहर में प्राइवेट होटल में रहना चाहते हैं तो उसके लिए आपको ₹600 से ₹800 तक में एक अच्छा सा होटल मिल जाएगा।
गंगासागर में खानपान की व्यवस्था
गंगासागर एक तीर्थ स्थल है इस वजह से वहां हर रोज लोगों की बड़ी तादाद में भीड़ लगती है। इस वजह से गंगासागर में फूड कोर्ट के अलावा अलग-अलग रेस्टोरेंट की सुविधा मौजूद है। आपको पूरे गंगा सागर में खूब सारे रेस्टोरेंट और भोजनालय देखने को मिल जाएंगे जहां अलग-अलग कीमत पर विभिन्न प्रकार का व्यंजन उपलब्ध है।
इसके अलावा गंगासागर मेला 2023 बड़े ही हर्षोल्लास के साथ आयोजित जहां आपको अलग अलग ठेले और छोटे-मोटे दुकान पर खूब सारा स्वादिष्ट व्यंजन मिल जाएगा।
गंगासागर जाने में कितना खर्च लगता है?
गंगासागर एक तीर्थ स्थल है इस वजह से यहां घूमना काफी सस्ता है। अगर आप गंगासागर मेला 2023 घूमने कोलकाता आ रहे है तो कोलकाता के अन्य जगहों पर भी घूमने जरूर जाए। कोलकाता घूमने में आपको चुने गए स्थान के अनुसार खर्च पड़ सकता है मगर केवल गंगासागर घूमने के लिए आपको मात्र ₹2000 से ₹3000 का खर्च आएगा।
जैसा कि हमने आपको बताया गंगासागर के लिए सबसे पहले हावड़ा जाना होगा। आपके शहर से हावड़ा जाने में आप अपनी सुविधा अनुसार खर्च करें। अपनी सुविधा अनुसार जब आप हावड़ा स्टेशन पहुंच जाएंगे तब वहां से गंगासागर जाना ₹200 से ₹1000 प्रति व्यक्ति तक का खर्च पड़ेगा, वह आपके मार्ग पर निर्भर करता है। इसके अलावा आप रहने के लिए जो स्थान चुनते है और क्या खाते है उस पर आपका खर्च घाट या बढ़ सकता है।
गंगासागर का महत्व
“हर तीर्थ बार-बार, गंगासागर एक बार।”
आपको गंगासागर मेले में यह नारा कई बार सुनने को मिलेगा। कुंभ मेले के बाद गंगासागर मेला हिंदुओ का दूसरा सबसे बड़ा तीर्थ है। हर साल मकर सक्रांति के समय देश के कोने-कोने से लाखों लोग यहां पवित्र स्नान करने के लिए आते हैं। गंगासागर हिंदुओं के लिए आस्था का केंद्र है। ऐसा माना जाता है कि मकर सक्रांति के शुभ मुहूर्त में यहां स्नान करने और दान देने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। आखिर हिंदू धर्म में गंगासागर का इतना महत्व क्यों है? हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार गंगासागर से संबंधित जो कहानी है वह इस प्रकार है।
हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार ऋषि कपिल मुनि इसी क्षेत्र में आश्रम बनाकर तपस्या में लीन रहते थे। उस समय धरती पर इच्छावकु वंश के राजा सागर अपने कर्मों की वजह से विख्यात थे। उनके पुण्य संबंधित कार्य से इंद्र भी घबरा गए और उनको अपनी गद्दी का भय सताने लगा। इंद्रदेव ने राजा सागर को पुण्य कार्य से बाधित करने के लिए उनका अश्वमेध का घोड़ा चुराकर कपिल मुनि के आश्रम के पास छोड़ दिया।
उस अश्व को खोजते खोजते राजा सगर के साठ हजार पुत्रों ने जब उस अश्व को कपिल मुनि के आश्रम में देखा तो इसके लिए कपिल मुनि को अपमानित किया। तत्पश्चात कपिल मुनि ने श्राप देकर राजा सगर के साठ हजार पुत्रों को वहीं भस्म कर पाताल लोक में भेज दिया। जब कपिल मुनि को सच का पता चला तो वे श्राप तो वापस नहीं ले सकते थे लेकिन बताया कि यदि माता पार्वती धरती पर उतर कर सागर के पुत्रों के अस्थियों को स्पर्श कर देती है तो उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होगी और वे सभी स्वर्गलोक चले जाएंगे।
कालांतर में इच्छावाकु वंश में एक राजा हुए जिनका नाम था भागीरथ। राजा भागीरथ ने अपने पूर्वजों का उधार हेतु घोर तपस्या की, जिससे प्रसन्न होकर माता पार्वती को गंगा रूप में धरती पर उतरना पड़ा। माता गंगा इसी स्थान पर आकर सागर में मिली जहां पाताल लोक में मौजूद सागर के पुत्रों के अस्थियों का स्पर्श किया। माता गंगा के स्पर्श से सागर के सभी पुत्रों को मोक्ष प्राप्त हुआ और वह सभी स्वर्ग लोक को चले गए।
हिंदू पंचांग के अनुसार गंगा को धरती पर उतरने का तिथि उत्तरायण या मकर सक्रांति है। यही कारण है कि उस दिन लाखों लोग गंगासागर में पवित्र स्नान करते है जिससे उन्हें मोक्ष मिले और स्वर्ग की प्राप्ति हो।
Gangasagar Mela 2023 से जुड़े सवाल (FAQ)
Q. गंगासागर का मेला कब लगता है?
गंगासागर का मेला जनवरी के महीने में लगता है।
Q. गंगासागर कौन से राज्य में पड़ता है?
गंगासागर पश्चिम बंगाल राज्य में पड़ता है।
Q. गंगासागर मेला कहां लगता है?
गंगासागर मेला गंगासागर नाम के टापू पर लगता है जो कोलकाता शहर से 90 किलोमीटर दक्षिण में बंगाल की खाड़ी सागर में स्थित है।
Q. गंगासागर क्यों प्रसिद्ध है?
हिंदुओं की पवित्र नदी गंगा गंगासागर में समुद्र से मिलती है और इसे पवित्र स्नान का जगह इसके अलावा विभिन्न मंदिर और जनवरी के महीने में मकर संक्रांति के अवसर पर लगने वाले बड़े मेले के कारण प्रसिद्ध है।
निष्कर्ष
आज इस लेख में हमने आपको Gangasagar Mela 2023 के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी है। हमने सरल शब्दों में यह समझाने का प्रयास किया कि गंगासागर कैसे जाएं। इसके अलावा गंगासागर जाने के सभी मार्ग वहां रुकने की व्यवस्था वहां जाने का खर्च और इससे जुड़ी सभी प्रकार की आवश्यक जानकारियों को आज सरल शब्दों में आपके समक्ष प्रस्तुत किया गया है।
अगर हमारे द्वारा साझा की गई जानकारियों को पढ़ने के बाद अब गंगासागर मेला के बारे में सब कुछ समझ पाए है तो इसे अपने मित्रों के साथ साझा करें साथ ही अपने सुझाव और विचार कमेंट में बताना ना भूले।
बहुत उपयोगी व उत्तम जानकारी👌👍👏👏🙂धन्यवाद