महाभारत क्या है? कितने दिन चला, कौन लिखा, और इसके बाद क्या हुआ – Mahabharat in Hindi

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महाभारत क्या है इसे समझने और इसकी वास्तविक अनगाथा कुछ सरल शब्दों में समझाने के लिए आज का लेख लिखा गया है। हिंदू धर्म की सबसे बड़ी खासियत है कि इसने बड़ी-बड़ी दार्शनिक बातों को कहानी के रूप में पिरो कर लोगों के समक्ष रखा है। अलग-अलग धर्म ग्रंथों की तरह महाभारत भी एक महा ग्रंथ है।

Mahabharat Kya Hai
Mahabharat Kya Hai

महाभारत भाई भाई के लड़ाई की एक ऐसी है जो हमें सिखाती है कि जब बंधु विरोधी होते है तो सारे कुल वासी रोते है। इस जहां ग्रंथ में आप पढ़ेंगे की किस तरह दो भाइयों के बीच हुए मनमुटाव के कारण खानदान के बच्चे से बूढ़े तक हर किसी का प्राण चला गया।

आपने महाभारत को कई बार टीवी और फिल्मों में देखा होगा। मगर महाभारत क्या है? इसे किसने लिखा था? और वास्तविक में महाभारत में क्या हुआ था? जैसे कुछ महत्वपूर्ण सवाल हमारे मन में आते है जिनका जवाब आज के लेख में दिया गया है।

महाभारत क्या है?

महाभारत एक महाग्रंथ है, इसमें एक ऐसे युद्ध का वर्णन है जो अपनों के बीच लड़ा गया । महाभारत का युद्ध कौरव और पांडवों के बीच कुरुक्षेत्र (हरियाणा) में लड़ा गया जो विश्व का सबसे बड़ा युद्ध था। प्राचीन भारत के इतिहास का सबसे भयंकर युद्ध जो ना कभी पहले लड़ा गया और ना भविष्य में लड़ा जाएगा। इस युद्ध में लाखों छत्रिय योद्धा मारे गए। सदियों पूर्व इस युद्ध में विज्ञान और तकनीक का भरपूर इस्तेमाल हुआ। 

चक्रव्यूह एक ऐसा युद्ध तकनीक था जिसे ना भूतकाल में किसी ने देखा और ना भविष्य में कोई इसे देख पाएगा। महाभारत ग्रंथ में लगभग 1800000 शब्द है। महाभारत में निहित ज्ञान आज भी प्रासंगिक है। जब इंटरनेट की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी उस समय संजय द्वारा युद्ध का आंखों देखा हाल धृतराष्ट्र को महल में बैठे ही बोलकर सुनाया गया था। महाभारत में रामायण से अधिक विकसित जीवन पद्धति देखने को मिलता है। 

यह युद्ध कितना विनाशकारी होगा इसका अंदाजा सिर्फ श्रीकृष्ण को था इसलिए श्रीकृष्ण ने युद्ध रोकने का अंतिम प्रयास भी किया लेकिन उनका प्रयास विफल रहा और महायुद्ध का शंखनाद हो गया। महाभारत के इस युद्ध को धर्म युद्ध भी कहा जाता है क्योंकि यह सत्य और न्याय के लिए लड़ा गया था।

महाभारत किसने लिखा है?

महाभारत महर्षि वेदव्यास के द्वारा लिखा गया है। वेदव्यास को वेदों का जनक भी कहा जाता है। वेदों का अस्तित्व इंसान से पहले का है उसे सही तरीके से एक सूचीबद्ध किताब का रूप देने का काम महर्षि वेदव्यास ने किया है। इसके अलावा उन्होंने अलग-अलग रचनाएं की है जिनमें उनकी सबसे महत्वपूर्ण रचनाओं में महाभारत भगवत गीता और वेद का संस्करण आता है।

महर्षि वेदव्यास सबसे बड़े ऋषि में से एक माना जाता है क्योंकि उन्होंने ग्रंथ और वेद को एक पढ़ने लायक रुप दिया है। महर्षि वेदव्यास के कार्य से पहले वेदों को पढ़ना काफी कठिन था। मगर महर्षि वेदव्यास ने वेद और महाभारत जैसी उत्तम महाकाव्य की रचना की है। 

महाभारत का युद्ध कब हुआ था?

महाभारत का युद्ध वैदिक युग में हुआ था जो आज से लगभग 950 ईसा पूर्व के समय का माना जाता है। लेकिन विद्वानों में महाभारत युद्ध के समय को लेकर मतभेद है। पश्चिमी विद्वान इसे 1500 ईसा पूर्व मानते है तो पुराणों के अनुसार यह युद्ध 1900 ईसा पूर्व माना गया है। वहीं खगोलविद आर्यभट्ट के अनुसार कुरुक्षेत्र का युद्ध 3102 ईसा पूर्व माना गया है। 

कुछ यूरोपीय विद्वानों के अनुसार यह युद्ध 1200 ईसा पूर्व में माना गया है तो कुछ भारतीय विद्वानों ने इसे लगभग 3000 ईसा पूर्व माना है। सारे तथ्यों को देखने से यह स्पष्ट होता है कि महाभारत युद्ध का समय 4600-1000 ईसा पूर्व का होगा।

महाभारत का युद्ध क्यों हुआ था?

महाभारत का युद्ध कौरव और पांडवों के बीच राज्य का सिंहासन प्राप्त करने के लिए हुआ था। जब पांडवों ने वनवास और अज्ञातवास पूरा कर राज्य में हिस्सा मांगा तो दुर्योधन ने सुई की नोक भर भी जमीन देने से मना कर दिया जिसके परिणाम स्वरूप महाभारत का युद्ध हुआ। यह युद्ध तब निश्चित हो गया जब श्रीकृष्ण का युद्ध टालने हेतु शांति वार्ता विफल रहा। 

महाभारत युद्ध को धर्म युद्ध भी माना गया है क्योंकि यह युद्ध धर्म स्थापना और न्याय के लिए हुआ था। जहां धर्म का साथ देने वाले स्वयं भगवान श्रीकृष्ण पांडवों के साथ थे तो वही भीष्म पितामह जैसे महान व्यक्ति अधर्मी कौरवों के साथ थे। धर्म स्थापना के लिए भगवान स्वयं सारथी बनकर भक्तों का परित्राण और दुष्टों के दलन का कार्य किया। महाभारत युद्ध होने का मुख्य कारण कौरवों का अति महत्वाकांक्षी होना और धृतराष्ट्र का पुत्र मोह था।

महाभारत का युद्ध कितने दिन चला?

महाभारत का युद्ध धर्म और अधर्म को लेकर कौरव और पांडवों के बीच लड़ा गया था। महाभारत का युद्ध मार्गशीर्ष शुक्ल 14 को आरंभ हुआ और 18 दिनों तक चला था। भीष्म पितामह ने प्रधान सेनापति के रूप में 10 दिनों तक कौरव सेना का नेतृत्व किया। इसके बाद द्रोणाचार्य 5 दिन प्रधान सेनापति रहे, जिसने द्रुपद, विराट आदि कई महारथियों का वध किया। 

द्रोणाचार्य की मृत्यु के बाद कर्ण ने 2 दिन प्रधान सेनापति के रूप में कौरव सेना का नेतृत्व किया। अश्वत्थामा तब प्रधान सेनापति बना जब पूरी कौरव सेना नष्ट हो चुकी थी। वही पांडव सेना का नेतृत्व पूरे 18 दिन तक घृष्टधूम्न ने हीं किया। महाभारत युद्ध में अर्जुन के रथ के सारथी स्वयं भगवान श्रीकृष्ण थे जबकि श्रीकृष्ण के नारायणी सेना कौरवों के साथ थी। श्रीकृष्ण ने युद्ध में प्रत्यक्ष रूप से कहीं भाग नहीं लिया लेकिन वही पांडवों के प्राण और पथ प्रदर्शक थे। महाभारत युद्ध के 18 दिनों में तरह-तरह की रणनीतिया और व्यूह रचे गए थे। युद्ध के प्रथम दिन श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था।

महाभारत युद्ध के आखिरी दिन किसकी किसकी मृत्यु हुई थी?

महाभारत का युद्ध 18 दिनों तक चला था। 18वें दिन कौरवों में तीन योद्धा शेष बचे थे अश्वत्थामा, कृपाचार्य और कृतवर्मा। सेनापति अश्वत्थामा और कृतवर्मा द्वारा रात्रि में पांडव शिविर पर हमला किया गया। 

अश्वत्थामा ने सभी पंचालो, द्रोपदी के पांच पुत्रों, दृष्टधुम्न तथा शिखंडी का वध कर दिया। पांडवों के तरफ से भीम ने दुर्योधन के बचे हुए भाइयों को मार देता है। सहदेव शकुनी को मार देता है और दुर्योधन भागकर सरोवर में छिप जाता है। पांडवों के ललकारने पर दुर्योधन भीम से गदा युद्ध के लिए तैयार होता है। भीम जंघा पर प्रहार कर दुर्योधन को मार देता है और पांडवों की विजय होती है।

महाभारत युद्ध के पश्चात कितने योद्धा बचे थे?

महाभारत युद्ध के पश्चात कौरवों की तरफ से 3 योद्धा कृपाचार्य, अश्वत्थामा और कृतवर्मा ही जीवित बचे थे। जबकि पांडवों की तरफ से 15 योद्धा जीवित बचे थे जिनमें युधिष्ठिर, भीम, अर्जुन, नकुल, सहदेव, कृष्ण, युयुत्सु, सात्यकि आदी हैं। कुल मिलाकर महाभारत युद्ध के पश्चात् 18 योद्धा जीवित बचे थे।

महाभारत युद्ध के कुछ वर्षों के पश्चात कलियुग का आरंभ हुआ।

महाभारत के बाद क्या हुआ?

महाभारत उस जमाने में विश्व की सबसे बड़ी लड़ाई मानी जाती है। जिस प्रकार विश्व युद्ध के बाद दुनिया का एक नया रूप सबके सामने आया उसी तरह महाभारत के विध्वंशकारी युद्ध के बाद दुनिया का एक नया रूप लोगों के समक्ष आया।

इस युद्ध के बाद केवल 18 लोग जीवित बचे थे उनमें से हर किसी की मृत्यु धीरे-धीरे हो गई अर्जुन का बेटा परिक्छित राजा बन गया और आगे इस दुनिया को चलाने लगा। अश्वत्थामा को भगवान ने अमर रहने का श्राप दिया और पूरी दुनिया में घूमते रहने का श्राप दिया। यही कारण है कि चाइना और इजिप्ट के कुछ इतिहास में अजीब से बाबा का वर्णन किया गया है। कुछ लोगों का मानना है कि जिस अजीब बाबा का वर्णन अलग-अलग इतिहासकारों ने किया है वह अश्वत्थामा है। अगर आप इसके बारे में अधिक जानना चाहते हैं तो कमेंट करके बताएं।

FAQ

Q. महाभारत को किसने लिखा?

महाभारत को महर्षि वेदव्यास ने लिखा है।

Q. महाभारत कितने दिन तक चला था?

महाभारत के युद्ध 18 दिनों तक चला था।

Q. महाभारत क्या है?

महाभारत एक महान ग्रंथ है जिसमें विश्व के सबसे बड़े युद्ध का वर्णन किया गया है।

Q. महाभारत में क्या बताया गया है?

महाभारत में स्त्री शिष्टाचार ना मिलने पर घर की दशा दो भाइयों के बीच के लड़ाई के कारण कुल का नाश और उचित आचरण क्या होता है जैसी दार्शनिक बातों को कहानी में पिरो कर समझाया गया है।

निष्कर्ष

आज इस लेख में हमने आपको महाभारत क्या है के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी है। हमने सरल शब्दों में यह भी समझाने का प्रयास किया है कि महाभारत को किसने लिखा यह कितने वर्ष पहले हुआ है और इससे आपको क्या सीखने को मिलता है।

अगर हमारे द्वारा साझा की गई जानकारियों को पढ़ने के बाद आप महाभारत की रचना के बारे में समझ पाए है, इसे अपने मित्रों के साथ साझा करें साथ ही महाभारत से जुड़े अपने विचार कमेंट में बताना ना भूलें।

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