Surya Chalisa Pdf – सूर्य चालीसा पढ़ें

surya chalisa pdf
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Surya Chalisa Pdf – भगवान सूर्य की पूजा करने के लिए सूर्य चालीसा का जाप किया जाता है। घर में सुख समृद्धि प्राप्त करने के लिए रोजाना भगवान सूर्य को जल चढ़ाना चाहिए और सूर्य चालीसा का जाप करना चाहिए। बड़े-बड़े सेलिब्रिटी भी सूर्य चालीसा पढ़कर भगवान सूर्य को जल चढ़ाते है। अगर आप सूर्य की पूजा करने के लिए Surya Chalisa Pdf पढ़ने और उसके महत्व के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आज का लेख आपके लिए लिखा गया है।

Surya Chalisa Pdf पढ़ने और उसे डाउनलोड करने के लिए आपको नीचे दिए गए डाउनलोड बटन पर क्लिक करना होगा। यह एक महत्वपूर्ण चालीसा है जिसे रोज सुबह नहा कर जब करना चाहिए और भगवान सूर्य को जल चढ़ाना चाहिए। इससे आपके घर में सुख शांति बनी रहती है और कार्य क्षेत्र में भी तेजी से तरक्की मिलती है।

Book NameSurya Chalisa Pdf
Author Not Known 
Publish Date2014
Language Gujarati 
Publication Not Known 
Country India 

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Surya Chalisa Pdf

सूर्य चालीसा एक महत्वपूर्ण चालीसा है जिसे पढ़कर आप आसानी से तरक्की प्राप्त कर सकते है। भगवान सूर्य की पूजा के दौरान सूर्य चालीसा पढ़ा जाता है। सूर्य चालीसा का रोजाना जाप करना चाहिए, इस चालीसा का जब नहाने के बाद भगवान सूर्य को जल चढ़ाने के दौरान करना चाहिए।

सुरेश चालीसा का रोजाना जाप करने से घर में एक सुख शांति का माहौल बना रहता है। आप अपने व्यवसाय और कार्यक्षेत्र में तेजी से तरक्की पाते हैं और आपकी हर तरह की मनोकामना पूरी होती है।

Surya Chalisa Lyrics in Hindi

॥दोहा॥

कनक बदन कुण्डल मकर, मुक्ता माला अङ्ग।

पद्मासन स्थित ध्याइए, शंख चक्र के सङ्ग॥

॥चौपाई॥

जय सविता जय जयति दिवाकर।

सहस्त्रांशु सप्ताश्व तिमिरहर॥

भानु पतंग मरीची भास्कर।

सविता हंस सुनूर विभाकर॥ 

विवस्वान आदित्य विकर्तन।

मार्तण्ड हरिरूप विरोचन॥

अम्बरमणि खग रवि कहलाते।

वेद हिरण्यगर्भ कह गाते॥ 

सहस्त्रांशु प्रद्योतन, कहिकहि।

मुनिगन होत प्रसन्न मोदलहि॥

अरुण सदृश सारथी मनोहर।

हांकत हय साता चढ़ि रथ पर॥

मंडल की महिमा अति न्यारी।

तेज रूप केरी बलिहारी॥

उच्चैःश्रवा सदृश हय जोते।

देखि पुरन्दर लज्जित होते॥

मित्र मरीचि, भानु, अरुण, भास्कर।

सविता सूर्य अर्क खग कलिकर॥

पूषा रवि आदित्य नाम लै।

हिरण्यगर्भाय नमः कहिकै॥

द्वादस नाम प्रेम सों गावैं।

मस्तक बारह बार नवावैं॥

चार पदारथ जन सो पावै।

दुःख दारिद्र अघ पुंज नसावै॥

नमस्कार को चमत्कार यह।

विधि हरिहर को कृपासार यह॥

सेवै भानु तुमहिं मन लाई।

अष्टसिद्धि नवनिधि तेहिं पाई॥

बारह नाम उच्चारन करते।

सहस जनम के पातक टरते॥

उपाख्यान जो करते तवजन।

रिपु सों जमलहते सोतेहि छन॥

धन सुत जुत परिवार बढ़तु है।

प्रबल मोह को फंद कटतु है॥

अर्क शीश को रक्षा करते।

रवि ललाट पर नित्य बिहरते॥

सूर्य नेत्र पर नित्य विराजत।

कर्ण देस पर दिनकर छाजत॥

भानु नासिका वासकरहुनित।

भास्कर करत सदा मुखको हित॥

ओंठ रहैं पर्जन्य हमारे।

रसना बीच तीक्ष्ण बस प्यारे॥

कंठ सुवर्ण रेत की शोभा।

तिग्म तेजसः कांधे लोभा॥

पूषां बाहू मित्र पीठहिं पर।

त्वष्टा वरुण रहत सुउष्णकर॥

युगल हाथ पर रक्षा कारन।

भानुमान उरसर्म सुउदरचन॥

बसत नाभि आदित्य मनोहर।

कटिमंह, रहत मन मुदभर॥

जंघा गोपति सविता बासा।

गुप्त दिवाकर करत हुलासा॥

विवस्वान पद की रखवारी।

बाहर बसते नित तम हारी॥

सहस्त्रांशु सर्वांग सम्हारै।

रक्षा कवच विचित्र विचारे॥

अस जोजन अपने मन माहीं।

भय जगबीच करहुं तेहि नाहीं ॥

दद्रु कुष्ठ तेहिं कबहु न व्यापै।

जोजन याको मन मंह जापै॥

अंधकार जग का जो हरता।

नव प्रकाश से आनन्द भरता॥

ग्रह गन ग्रसि न मिटावत जाही।

कोटि बार मैं प्रनवौं ताही॥

मंद सदृश सुत जग में जाके।

धर्मराज सम अद्भुत बांके॥

धन्य-धन्य तुम दिनमनि देवा।

किया करत सुरमुनि नर सेवा॥

भक्ति भावयुत पूर्ण नियम सों।

दूर हटतसो भवके भ्रम सों॥

परम धन्य सों नर तनधारी।

हैं प्रसन्न जेहि पर तम हारी॥

अरुण माघ महं सूर्य फाल्गुन।

मधु वेदांग नाम रवि उदयन॥

भानु उदय बैसाख गिनावै।

ज्येष्ठ इन्द्र आषाढ़ रवि गावै॥

यम भादों आश्विन हिमरेता।

कातिक होत दिवाकर नेता॥

अगहन भिन्न विष्णु हैं पूसहिं।

पुरुष नाम रविहैं मलमासहिं॥

॥दोहा॥

भानु चालीसा प्रेम युत, गावहिं जे नर नित्य।

सुख सम्पत्ति लहि बिबिध, होंहिं सदा कृतकृत्य॥

सूर्य चालीसा कब पढ़ना चाहिए

सूर्य चालीसा का रोजाना जाप करने से सुख समृद्धि आती है मगर इसके लिए आपको पता होना चाहिए कि सूर्य चालीसा का जाप कब करना चाहिए – 

  • रोज सुबह नहाने के बाद आप सूर्य चालीसा का जाप कर सकते है।
  • भगवान सूर्य को जल चढ़ाते वक्त सूर्य चालीसा पढ़ना चाहिए।
  • सुबह-सुबह उठने सूरज की ओर नमन निवेदित करके आप सूर्य चालीसा का जाप कर सकते हैं इसके अलावा डूबते सूरज को देखकर भी सूर्य चालीसा का जाप कर सकते है।
  • सूर्य चालीसा को पढ़ने के लिए किसी खास वस्त्र और खास समय को निर्धारित नहीं किया गया है।
  • सूर्य चालीसा आमतौर पर सुबह-सुबह भगवान सूर्य को जल देने के दौरान पढ़ा जाता है मगर इसके अलावा आप पूजा के दौरान भी सूर्य चालीसा पढ़ सकते हैं।

 सूर्य चालीसा पढ़ने के फायदे

  • रोजाना सूर्य चालीसा पढ़ने से घर में सुख शांति का माहौल होता है।
  • नहाने के बाद सूर्य चालीसा पढ़कर अपने व्यवसाय की शुरुआत करने से आपके मन में एक हर्षोल्लास और शांति होती है।
  • घर में क्लेश को कम करने के लिए सूर्य चालीसा पढ़ा जाता है।
  • रोजाना सूर्य चालीसा पढ़ने से आप अपने व्यवसाय और कार्यक्षेत्र में तेजी से तरक्की प्राप्त कर पाएंगे।

निष्कर्ष

इस लेख में Surya Chalisa Pdf के बारे में बताया गया है जिसे पढ़कर आप आसानी से सूर्य चालीसा का जाप कर सकते हैं और भगवान सूर्य को प्रसन्न कर सकते है। घर में सुख शांति और समृद्धि प्राप्त करने के लिए सूर्य चालीसा का रोजाना जाप करना चाहिए।

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